उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में कोई समुचित कदम नहीं उठाया जा रहे है और न ही मारे गए अधिवक्ताओं के परिजनों की सुरक्षा के लिए सोचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बार काउंसिल के आह्वान पर 15 फरवरी को काम रोका जाएगा।
डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि लखनऊ के अधिवक्ता श्रवण कुमार वर्मा, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता दीपचंद्र शुक्ला एवं हमीरपुर अधिवक्ता अशोक अहिरवार की निर्मम हत्या अपराधी प्रवृत्ति के लोगों द्वारा कर दी गई। अपराधियों के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई अब तक नहीं की गई है।
सिंह ने कहा कि 10 फरवरी को पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर लखनऊ उच्च न्यायालय एवं सिविल कोर्ट में लाठी चार्ज किया गया तथा आंसूगैस के गोले छोड़े गए। इससे प्रदेश के अधिवक्ताओं में काफी रोष व्याप्त है और समूचे प्रदेश का अधिवक्ता नाराज है।
उन्होंने बताया कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की सकुर्लेशन बैठक में निर्णय लिया गया है कि यदि सरकार उपरोक्त दिशा में तत्काल ठोंस एवं प्रभावी कदम नहीं उठाती है तो प्रदेश के सभी अधिवक्ता पंद्रह फरवरी को न्यायिक कार्यो से विरत रहेंगे।
उन्होंने कहा कि इन निर्देशों का अनुपालन करते हुए जिले के भी अधिवक्ता 15 फरवरी को न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।