मीरपुर, 14 फरवरी (आईएएनएस)। तीन बार की चैम्पियन भारत रविवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए आईसीसी यू-19 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में रिकॉर्ड चौथी बार खिताब हासिल करने से चूक गई, जबकि वेस्टइंडीज ने पांच विकेट से जीत हासिल करते हुए अपना पहला विश्व कप खिताब जीता।
शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में हुए इस मैच में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनते हुए कैरेबियाई गेंदबाजों ने भारतीय पारी 45.1 ओवरों में 145 रनों पर समेट दी और उसके बाद इस छोटे से लक्ष्य को पांच विकेट के नुकसान पर तीन गेंद शेष रहते हासिल कर लिया।
कैरेबियाई टीम हालांकि एक समय छोटे से लक्ष्य के आगे भी संकट में आ चुकी थी, लेकिन उसे संकट से निकालने वाले और वेस्टइंडीज के सर्वोच्च स्कोरर कीसी पार्टी (नाबाद 52) को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
मैच के बाद भारतीय कप्तान इशान किशन ने कहा, “गेंदबाजों ने सही लाइन-लेंग्थ पर गेंदें डालीं। हमारी क्षेत्ररक्षण शुरुआत में तो ठीक रही, लेकिन बाद में कुछ अहम कैच छोड़े। इस पिच पर बल्लेबाजी बेहद कठिन थी।”
विश्व कप विजेता कप्तान हेटमायर ने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हमें चैम्पियन के तौर पर नहीं देखा जा रहा था, लेकिन हमने यह कर दिखाया। तेज गेंदबाजों ने पिच का पूरा फायदा उठाया। कार्टर और पॉल आक्रामक अंदाज में खेलते हैं, लेकिन परिस्थिति के अनुकूल उन्होंने संयमभरी पारी खेली।”
आवेश खान ने तीसरे ओवर की पांचवीं गेंद पर पांच के स्कोर पर गिडरोन पोप (3) के रूप में भारत को शुरुआत में ही एक सफलता दिला दी। सलामी बल्लेबाज तेविन इमलाख (15) भी बड़ा स्कोर नहीं कर सके।
लेकिन कप्तान शिमरोन हेटमायर (23) और कार्टी ने तीसरे विकेट के लिए 39 रनों की साझेदारी कर टीम को स्थायित्व प्रदान किया।
67 के कुल योग पर मयंक डागर ने हेटमायर को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। डागर ने शामार स्प्रिंगर (3) और जायड गुली (3) के भी विकेट जल्दी ही चटका डाले और 77 के कुल योग पर पांच विकेट गंवा चुकी कैरेबियाई टीम संकट में नजर आने लगी।
इस बीच कार्टी एक छोर संभालकर क्रीज पर जमे रहे और कीमो पॉल (नाबाद 40) ने भी उनका अच्छा साथ निभाया।
कार्टी और पॉल ने इसके बाद संभलकर पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया और बिना जोखिम लिए धीरे-धीरे जीत की ओर बढ़ते रहे। अंतत: दोनों बल्लेबाजों ने छठे विकेट के लिए नाबाद 69 रनों की साझेदारी करते हुए तीन गेंद शेष रहते टीम को जीत दिला दी।
भारत के लिए डागर ने सर्वाधिक तीन विकेट लिए। एक विकेट आवेश खान और एक विकेट खलील अहमद को मिला।
वेस्टइंडीज के लिए हालांकि जीत की नीवं गेंदबाजों अलजारी जोसेफ और रायन जॉन ने रखी। दोनों गेंदबाजों ने बेहद धारदार गेंदबाजी की और तीन-तीन विकेट चटकाए।
इससे पहले टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। अलजारी जोसेफ ने पहले ही ओवर में ऋषभ पंत (1) के पवेलियन की राह दिखाने के साथ भारतीय पारी को बिखेरना शुरू कर दिया।
जोसेफ ने अगले ही ओवर में अनमोल प्रीत सिंह (3) को भी चलता कर दिया। कप्तान ईशान किशन (4) जोसेफ के तीसरे शिकार बने। भारतीय टीम 17.2 ओवरों में 50 के कुल स्कोर पर पांच अहम विकेट गंवा चुकी थी।
सरफराज खान (51) ने इसके बाद महिपाल लोमरोर (19) के साथ छठे विकेट के लिए 37 रनों की साझेदारी कर थोड़ा संघर्ष करने की कोशिश जरूर की। इस बार चेमार होल्डर ने लोमरोर को विकेट के पीछे कैच करा इस संघर्ष पर विराम लगाया। भारतीय पारी की यह सबसे बड़ी साझेदारी रही।
निचले क्रम पर राहुल बाथम (21) ने अच्छा संघर्ष किया। वह भारत के दूसरे सर्वोच्च स्कोरर रहे। एक छोर से संघर्ष कर रहे सरफराज की पारी अंतत: 120 के कुल योग पर समाप्त हुई। जॉन की गेंद पर पगबाधा करार दिए जाने से पहले सरफराज ने 89 गेंदों का सामना किया और पांच चौके तथा एक छक्का लगाया।
वेस्टइंडीज के हाथों सेमीफाइनल में हारने वाली मेजबान बांग्लादेश के कप्तान मेहदी हसन मिराज को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।