नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)। साहित्य अकादेमी इस वर्ष 15 से 20 फरवरी तक भारतीय साहित्य का उत्सव मनाने जा रहा है। इसकी शुरुआत 15 फरवरी को पुस्तक प्रदर्शनी से होगी। इसी दिन आदिवासी भाषा काव्योत्सव भी होगा।
16 फरवरी को पुरस्कृत लेखकों का मीडिया से संवाद तथा साहित्य अकादेमी पुरस्कार अर्पण समारोह होगा।
17 फरवरी को युवा साहिती तथा संवत्सर व्याख्यान होगा। 18 फरवरी को पूर्वोत्तरी के अंतर्गत उत्तर-पूर्व और उत्तरी लेखक सम्मेलन में उत्तर-पूर्व के लेखकों की विशिष्ट उपस्थिति रहेगी। इसी दिन ‘गांधी-अम्बेडकर-नेहरू : निरंतरता और अलगाव’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन प्रख्यात विदुषी डॉ. कपिला वात्स्यायन करेंगी।
भारत की अलिखित भाषाओं पर एक परिसंवाद 19 फरवरी को तथा 20 फरवरी को अनुवाद चेतना और भारत में भारतीय साहित्यक परंपराएं विषय पर संगोष्ठी का आयोजन भी रखा गया है। बच्चों के लिए ‘आओ कहानी बुनें’ शीर्षक से एक विशेष कार्यक्रम होगा, जिसमें बच्चों के लिए कई रोचक प्रतियोगिताएं, कार्यशालाएं और विशेष रूप से सक्षम बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
इस दौरान प्रत्येक दिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें आदिवासी लोकनृत्य ‘कर्मा’, ‘रासलीला’ और ‘पुंगचोलम’, निजामी बंधु द्वारा कव्वालों तथा ‘ओथेलो’ की कथकली नृत्य शैली में प्रस्तुति होगी।
रवींद्र भवन परिसर में अकादमी की पुस्तक प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक प्रतिदिन होगी और पुस्तकें बिक्री के लिए 20 प्रतिशत की विशेष छूट पर उपलब्ध होंगी।