मुंबई, 11 फरवरी (आईएएनएस)। निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक इंडसइंड बैंक ने गुरुवार को कहा कि सरकारी गवाह बन चुके पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के साथ वित्तीय लेन-देन करते समय उसने सभी नियामकीय दिशा-निर्देशों का पालन किया था। बैंक ने हालांकि कहा कि उसने हेडली का कोई बैंक खाता नहीं खोला था।
बैंक ने अपने एक बयान में कहा, “अक्टूबर-नवंबर 2006 में बैंक ने एक नकदी हस्तांतरण योजना के तहत, जिसे नियामकों से पूरी तरह मंजूरी मिली हुई थी, मनी ट्रांसफर सर्विस स्कीम (एमटीएसएस) के तहत कुछ रेमीटेंस को हैंडल किया था।”
उल्लेखनीय है कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इंडसइंड बैंक की दक्षिण मुंबई की नरीमन प्वाइंट शाखा से हेडली को भुगतान किया गया था।
हेडली ने इससे पहले गुरुवार को ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जारी अपनी गवाही में खुलासा किया था कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विज इंटेलीजेंस (आईएसआई) ने उसे ‘आतंकवादी फंड’ दिया था। इसका इस्तेमाल उसने भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में किया।
एलईटी का पूर्व आतंकवादी हेडली इस वक्त अमेरिकी की जेल में बंद है। वह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए वहां से मुंबई की विशेष टाडा अदालत के न्यायाधीश जी.ए. सनाप के समक्ष 26/11 मुंबई आतंकी हमले में अपनी भूमिका पर गवाही दे रहा है। विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम उससे पूछताछ कर रहे हैं।
बैंक ने कहा कि उसने उसने हेडली से आवश्यक दस्तावेज लिए थे, जिसमें हेडली के अमेरिका से जारी पासपोर्ट की एक प्रतिलिपि थी, जो मार्च 2006 से 2016 तक के लिए वैध था।
इससे पहले भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा 2009-2011 के बीच की गई जांच में बैंक ने उन्हें केवाईसी दस्तावेज जमा किए थे और कहा था कि इंडसइंड बैंक ने हेडली के नाम से कोई बैंक खाता नहीं खोला था।