इस्लामाबाद, 11 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ ने गुरुवार को 12 अन्य खूंखार आतंकवादियों को फांसी की सजा की पुष्टि की, जो संगीन अपराधों में शामिल थे। सेना ने यह जानकारी दी।
कुछ आरोपियों को सशस्त्र सेना, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, नागरिकों व उत्तर-पश्चिमी शहर बन्नू में साल 2012 में जेल तोड़ने का दोषी पाया गया।
जेल पर हमले के दौरान तालिबान आतंकवादियों सहित लगभग 400 कैदी फरार हो गए थे।
एक बयान के मुताबिक, इन आरोपियों की सुनवाई सैन्य अदालत द्वारा की गई और सभी ने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी।
दिसंबर 2014 में एक आर्मी स्कूल पर हमले के बाद सैन्य अदालतों की स्थापना की गई थी, ताकि आतंकवाद से संबंधित आरोपियों की त्वरित सुनवाई की जा सके।
जिन्हें मौत की सजा मिली, उनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अल-कायदा तथा एक प्रतिबंधित संगठन सिपाह-ए-सहाबा से संबंधित सदस्य थे। इन समूहों पर शिया मुसलमानों पर हमले का आरोप था।
विशेषज्ञों ने कहा कि इन दोषियों को कानून के तहत राष्ट्रपति के पास अपील करने का अधिकार है। राष्ट्रपति आतंकवाद से संबंधित मामलों में सभी दया याचिकाओं को पहले ही ठुकरा चुके हैं।