अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ड्रोन हमलों की अपनी नीति का बचाव करते हुए कहा है कि ये हमले चरंपंथियों से अमेरिका और अमेरिकी लोगों को सुरक्षित रखने के लिए सही और ज़रूरी हैं।
वॉशिंगटन में स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज में अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार चरमपंथ के विरूद्व अपनी नीति का खुलासा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “हम एक ऐसे चरंपंथी गुट के खिलाफ़ युद्व कर रहे हैं जिसको अगर हम पहले ही न रोकें तो वह अधिक से अधिक अमेरिकी लोगों को मारने की कोशिश करेगा।”
बराक ओबामा ने ड्रोन हमलों में अमेरिकी नागरिकों के मारे जाने पर कहा कि किसी भी अमेरिकी को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए लेकिन अगर कोई अमेरिकी देश से बाहर अमेरिकी लोगों को मारने की साज़िश का हिस्सा बनता है तो उसको सिर्फ़ अमेरिकी नागरिक होने के कारण बख्शा नहीं जाएगा।
अपने भाषण में उन्होंने ग्वांतानामो की जेल को बंद करने का फिर से इरादा ज़ाहिर किया है। उन्होंने अमेरिकी संसद से अपील की कि वह इस जेल को बंद करने में मदद करे।
उन्होंने कहा,”अमेरिका के अंदर हमारी बेहद सुरक्षित जेलों या सैन्य जेलों में से कभी कोई व्यक्ति निकल के नहीं भाग सका है। ”
उन्होंने यह भी घोषणा की कि यमन के जिन नागरिकों को उनके देश वापस भेजने पर पाबंदी लगी थी अब वह पाबंदी हटाई जा रही है। इसके बाद कई ऐसे यमनी कैदियों को वापस भेजा जा सकता है जिनको रिहा किया जाने को अमेरिकी सरकार तैयार है।
ग्वांतानाबो जेल
जब राष्ट्रपति बराक ओबामा ग्वांतानामो जेल का ज़िक्र कर रहे थे तब दर्शकों में बैठी एक महिला ने चिल्ला कर कहा कि जेल में भूख हड़ताल की जा रही है। जिसपर बराक ओबामा ने कहा कि मैं महिला का गुस्सा समझ सकता हूं।
ओबामा ने कहा, “ग्वांतानामो दुनिया भर में ऐसा प्रतीक बन गया है जिससे अमेरिका की ऐसी छवि बनती है कि वह कानून तोड़न वाला देश है।”
बराक ओबामा ने पहली बार अमेरिकी ड़्रोन हमलों का युद्व के मैदान में और उसके बाहर प्रयोग करने के लिए कानूनी निर्देशों के बारे में बात की। अब भी ड्रोन के बारे में अधिकतर जानकारी तो गुप्त ही रहेगी लेकिन उनका कहना था कि वह अमेरिकी संसद के साथ मिलकर एक आज़ाद अदालत बनाने को तैयार हैं जो भविष्य में ड्रोन हमलों के निशाने तय करे।
अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना था कि अमेरिका चरमपंथ के खिलाफ़ लड़ाई में एक दोराहे पर खड़ा है। उन्होंने कहा, “न तो मैं और न ही कोई और अमेरिकी राष्ट्रपति आतंकवाद को मुकम्मल शिकस्त देने का वादा कर सकता है। लेकिन हमें यह करना चाहिए कि जो गुट हमारे लिए खतरा हैं उनको नष्ट करें और नए गुटों को पनपने न दें। और यह सब अपनी आज़ादी और अपने आदर्षों को साथ लेकर ही करना होगा।”
बराक ओबामा ने निशाना लगाकर मारने वाले ड्रोन कार्यक्रम के नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं जिसके तहत हमलों में सिर्फ़ ऐसे लोगों को निशाना बनाया जाए जो अमेरिका के लिए खतरा हैं और यह भी कि ऐसे हमलों के दौरान आम नागरिकों के मारे जाने की बहुत ही कम संभावना हो।
जानकार मानते हैं कि नए निर्देशों के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का अब ड्रोन हमलों में अहम रोल हो सकता है। अब तक इन हमलों को अमेरिकी गुप्तचर संस्था सीआईए अंजाम देती रही है।
सैकड़ों ड्रोन हमले
माना जाता है कि क्लिक करें सीआईए ने पिछले कई वर्षों में पाकिस्तान और यमन में सैकड़ों ड्रोन हमले किए जिनमें 3000 से अधिक चरमपंथी और आम नागरिक भी मारे गए।
नई बंदिंशों के बावजूद बराक ओबामा ने ड्रोन हमलों का बचाव किया और कहा कि इससे अल कायदा और अन्य चरमपंथी गुटों को भारी नुकसान हुआ है। लेकिन फिर भी इसकी कानूनी हैसियत पर सवाल उठते रहे हैं।
ओबामा ने कहा, “जैसा कि युद्वों के बारे में सवाल उठते हैं इस ड्रोन की नई टैक्नालॉजी के बारे में भी सवाल उठते हैं कि किसको निशाना बनाया जाता है और क्यों निशाना बनाया जाता है। इसमें कितने आम नागरिक भी मारे जाते हैं। लेकिन ये हमले कानून के दायरे में ही किए जाते हैं।”