32 हजार से अधिक बहु-विकलांग-मानसिक निःशक्त को आर्थिक सहायता
प्रदेश में स्पर्श अभियान में अब तक 8 लाख 10 हजार निःशक्तजन का डाटाबेस तैयार किया जा चुका है। इनमें से 1,006 निःशक्तजन को शासकीय सेवा में रोजगार दिया गया है। स्व-रोजगार के लिये 14 हजार 595 निःशक्तजन को चिन्हांकित करने के साथ ही 3735 निःशक्त व्यक्ति को अशासकीय संस्था एवं उद्योग में नियोजित किया गया।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने निःशक्तजन की पहचान कर उनकी मदद करने के उद्देश्य से स्पर्श अभियान चलाया था। अभी तक प्रदेश में विभिन्न स्थान पर 1056 शिविर लगाकर 4 लाख 31 हजार 509 निःशक्तजन को निःशक्तता प्रमाण-पत्र दिये गये हैं। शिविरों में 5 लाख 35 हजार 607 व्यक्ति उपस्थित हुए।
अभियान के जरिये एक लाख 54 हजार 937 निःशक्त व्यक्ति को पेंशन दी जा रही है। बहु-विकलांग और मानसिक रूप से निःशक्त 32 हजार 82 व्यक्ति को 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। सरकार द्वारा 3900 निःशक्तजन के विवाह भी करवाये गये हैं। अभियान में सुधारात्मक शल्य चिकित्सा के 4048 प्रकरण दर्ज कर उनका इलाज किया गया। निःशक्तजन की सुविधा के लिये 91 हजार 219 बाधारहित भवन का निर्माण किया गया।
राज्य सरकार द्वारा 58 हजार 315 लोगों को निःशक्त छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। अभियान में लगाये गये स्पर्श मेलों में 735 निःशक्त बच्चों द्वारा प्रस्तुतियाँ भी दी गईं।