हैदराबाद/नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुदकुशी कर चुके दलित शोधछात्र रोहित वेमुला के लिए न्याय की मांग कर रहे हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ शनिवार को एक बार फिर प्रदर्शन में शामिल हुए और भूख हड़ताल पर बैठे। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि राहुल लाश पर राजनीति कर रहे हैं।
राहुल ने 12 घंटों से ज्यादा समय से छात्रों के साथ बिताया है और शुक्रवार रात मोमबत्ती जुलूस में शामिल रहे। उन्होंने पूरी रात विश्वविद्यालय परिसर में ही बिताई। उन्होंने छात्रों के साथ खाना खाया, जिसमें रोहित के साथ बर्खास्त किए गए चार अन्य छात्र भी शामिल थे।
रोहित के जन्म दिन पर किए गए विरोध प्रदर्शन में उसके परिवार वाले भी शामिल हुए। दिनभर भूख हड़ताल किया। दलित चितक इलैया राजा ने दिन के अंत में भूख हड़ताल खत्म करवाने के लिए उन्हें जूस पिलाया।
गांधी ने विश्वविद्यालयों और दूसरे शिक्षण संस्थानों में भारी भेदभाव की तरफ ध्यान आर्कषित करते हुए कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को छात्रों पर अपनी विचारधारा नहीं थोपनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी कि विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थानों में होनेवाले भेदभाव के खिलाफ कानून बनाएं।
उन्होंने कहा, “मेरा मुख्य विरोध मोदी जी और संघ से है, क्योंकि वे ऊपर से अपने विचार थोपकर भारतीय युवाओं की भावना कुचलने का काम कर रहे हैं। अपने विचार उन पर मत थोपें। कृपया अपने विचार विचारों के बाजार में रखें और अगर छात्र आपकी विचारधारा को स्वीकार करते हैं तो मुझे खुशी होगी।”
विश्वविद्यालय के दर्जनों छात्रों ने दिनभर भूख हड़ताल कर कुलपति पी. अप्पा राव व अन्य प्रभावशाली आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
रोहित की खुदकुशी के बाद विश्वविद्यालय परिसर में दूसरी बार पहुंचे राहुल ने ट्वीट किया, “मैं रोहित के दोस्तों और परिजनों के अनुरोध पर उनके साथ खड़े होकर न्याय की मांग करने यहां आया हूं।”
राहुल ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “सपनों और आकांक्षाओं से भरे एक युवा जीवन का अंत हो गया।”
इससे पहले राहुल ने महात्मा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गांधी जी की याद में हम संकल्प लें कि भारत के हर छात्र के लिए पूर्वाग्रह और अन्याय से मुक्त देश का निर्माण करेंगे।
इस भूख हड़ताल में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा, युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के छात्रों के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र भी शामिल हुए।
इस मामले में मोदी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे तेलंगाना कांग्रेस के प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी और अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को परिसर के पास से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने परिसर के आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एवीबीपी) के 50 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है, क्योंकि वे विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर गांधी के काफिले को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
नई दिल्ली में विभिन्न संगठनों और शिक्षण संस्थान से जुड़े छात्रों ने संघ के मुख्यालय के आगे विरोध प्रदर्शन किया और शिक्षण संस्थानों में हस्तक्षेप के खिलाफ नारे लगाए।
इस दौरान भाजपा प्रवक्ता संवित पात्रा ने कहा, “यह दलित बनाम गैर दलित का मुद्दा नहीं है। बल्कि राजनीति लाभ उठाने का एक क्लासिक मामला है।”
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि “गांधी न्याय के लिए आवाज उठा रहे हैं। जबकि केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने इस मामले का राजनीतिकरण किया और शिक्षा मंत्रालय को दलित छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खत लिखा।”
इससे पहले राहुल ने रोहित द्वारा खुदकुशी किए जाने के दो दिन बाद 19 जनवरी को विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया था।
उन्होंने रोहित की मां से और प्रदर्शनकारी चार अन्य दलित छात्रों से मुलाकात की थी। उन्होंने कुलपति, कुछ केंद्रीय मंत्रियों और खुदकुशी के लिए जिम्मेदार अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग की थी।
रोहित की खुदकुशी के बाद से ही सामाजिक न्याय के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है और तभी से विश्वविद्यालय भी बंद चल रहा है।
बीते दो दिनों से विश्वविद्यालय प्रशासन ने कक्षाएं शुरू करवाने की कोशिशें कीं, लेकिन जेएसी द्वारा तीखा विरोध करने के कारण कक्षाएं शुरू नहीं हो सकीं। जेएसी में 14 विद्यार्थियों की समिति है।
अंतरिम कुलपति विपिन श्रीवास्तव अभी भी छुट्टी पर हैं, हालांकि गुरुवार को उन्होंने जल्द ही स्थिति के सामान्य होने का दावा किया था।
विश्वविद्यालय की घोषणा के अनुसार, दूसरे वरिष्ठतम प्राध्यापक ए. एम. पेरियासामी अगला आदेश जारी होने तक कुलपति की जिम्मेदारी संभालेंगे।
विद्यार्थियों द्वारा बर्खास्त किए जाने की मांग के बीच एक सप्ताह पहले ही विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव अनिश्चितकालीन छुट्टी पर चले गए, जिसके बाद श्रीवास्तव ने कुलपति का प्रभार संभाला था।
हालांकि विद्यार्थियों ने श्रीवास्तव की नियुक्ति को यह कहकर स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि श्रीवास्तव, रोहित को निलंबित करने वाली कार्यकारी परिषद की उप-समिति के अध्यक्ष थे।
उल्लेखनीय है कि रोहित सहित पांच दलित छात्रों को एबीवीपी के एक नेता के साथ कथित मारपीट के आरोप में निलंबित किया गया था।