बुंदेलखंड में पिछले एक दशक से चल रही आपदा की स्थिति किसानों के लिए आत्मघाती हो गया है। ताजा घटना में सुमेरपुर क्षेत्र के ग्राम टेढ़ा में कर्ज से डूबे एक किसान ने घर के अंदर फांसी लगा ली।
टेढ़ा निवासी सुरेश कुशवाहा (45) पुत्र कलकइया कुशवाहा के पास आठ बीघे पुश्तैनी जमीन थी। पिता की मौत के बाद चार बीघे जमीन मां चंदनिया के नाम तथा चार बीघे सुरेश के नाम थी। सुरेश के पांच संतानें हंै, सबसे बड़ी पुत्री आशा की दो वर्ष पूर्व शादी हुई थी। इसकी शादी के लिये उसने अपने ताऊ रामप्रसाद कुशवाहा को 60 हजार रुपये में चार बीघे जमीन अपने हिस्से की गिरवी रख दी थी। तब से यह जमीन गिरवी पड़ी है।
ग्रामीण बैंक की टेढ़ा शाखा का मां-बेटे के नाम लगभग डेढ़ लाख रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड का ऋण है। इसके अलावा लगभग 50 हजार रुपये का कर्ज रिश्तेदारों तथा परिजनों का है। लगभग तीन लाख रुपये का सरकारी तथा गौर सरकारी कर्ज इसके ऊपर था।
मां चंदनिया पिछले काफी समय से बीमार पड़ी है। चार बीघे जमीन पर पलेवा करके गेहूं बोया था, लेकिन सूखे के कारण सही ढंग का जमाव नहीं हुआ था। इस वजह से यह पिछले कई दिनों से तनावग्रस्त था।
पत्नी अनुसुइया ने बताया कि कर्ज चुकाने को लेकर रोजाना बात होती थी। जमीन बेचने को कहा था लेकिन मना करते हुए कह रहे थे कि ‘जमीन नहीं बेचूंगा जान भले ही दे दूं’ और रात में दो बजे के आसपास फांसी लगाकर जान दे दी। इस घटना से घर में कोहराम मचा हुआ है।
प्रधान प्रतिनिधि सौरभ सिंह, पूर्व प्रधान शिवमंगल सिंह ने मृतक के घर जाकर संवेदना व्यक्त करते हुए मदद का आश्वासन दिया है। सूचना के बाद प्रशासन की तरफ से मौके पर कोई नहीं गया।