नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित शोध छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या और इससे उपजे आक्रोश को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक न्यायिक आयोग गठित करने का निर्णय लिया है, ताकि पूरे घटनाक्रम और परिस्थितियों की समीक्षा की जा सके और सच्चाई का पता लगाया जा सकें। आयोग अपनी रपट तीन महीने के अंदर दे देगा।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को युवा शोधार्थी रोहित की मां से बातचीत की और अपनी संवेदनाएं प्रकट की।
बयान के अनुसार, उच्च शिक्षा संस्थानों में कमजोर सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पृष्ठभूमि वाले विद्यार्थियों की समस्याएं सुलझाने तथा भविष्य में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोकने के लिए मंत्रालय ने निम्नलिखित कदम उठाने का निर्णल लिया है।
बयान के अनुसार, अकादमिक प्रशासकों को संवेदनशील बनाने और सामाजिक शैक्षिक तथा आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की समस्याएं हल करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। सभी वार्डनों, प्रशासनिक स्टॉफ और रजिस्ट्रारों को अनिवार्य रूप से इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना होगा। इसके लिए एक विशेष मॉड्यूल बनाया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि मंत्रालय में एक विशेष प्रणाली गठित की जाएगी, ताकि इन छात्रों से मिलने वाली शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। साथ ही सभी कुलपतियों और वरिष्ठ प्रशासकों को जागरूक किया जाएगा कि वे सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से वंचित छात्रों की समस्याएं समझें।
बयान के अनुसार, सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को आईआईटी गांधीनगर का पीयर-ग्रुप असिस्टेड लर्निग (पीएएल) दिया जाएगा। इसके अंतर्गत सामाजिक और शैक्षिक रूप से वंचित छात्रों के लिए सलाहकारों की व्यवस्था की जाएगी, जो न केवल उन्हें शिक्षा के संबंध में सहायता देंगे, बल्कि संस्थानों में उनके सामने मौजूद चुनौतियों में मदद भी देंगे।