मुंबई, 16 जनवरी (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी की यात्रा के लगभग 30 सालों बाद शनिवार को उनके बेटे और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उसी इलाके में पदयात्रा की।
इसे अगले वर्ष यहां होने वाले नगर निकाय चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है।
सुरक्षाकर्मियों के बड़े दल के अलावा मुंबई और महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं और 40,000 से भी अधिक कार्यकर्ताओं के साथ गांधी ने बांद्रा से धारावी के लगभग पांच किमी लंबे रास्ते पर पदयात्रा की।
राहुल गांधी को बांद्रा पश्चिम के मुस्लिम और मध्य वर्ग के इलाकों से होते हुए हजारों मछुआरों की बस्ती माहिम कॉजवे और फिर उत्तर भारतीयों, दक्षिण भारतीयों, मराठियों और मुस्लिमों की मिली-जुली आबादी वाली झुग्गी बस्ती धारावी जाने का अवसर सुनिश्चित करने के लिए इस रास्ते को बेहद सोच विचार कर चुना गया था।
रास्ते में राहुल समर्थक हाथों में तख्तियां लिए उनके समर्थन में नारे लगाते हुए दिखे तो राहुल मुस्कुराते हुए लोगों से फूल-मालाएं और फूल स्वीकार करते, हाथ मिलाते और बातचीत करते दिखे।
संपूर्ण पदयात्रा के दौरान गांधी मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम, एआईसीसी के महासचिव गुरुदास कामत, कई अन्य पूर्व सांसदों, विधायकों, पूर्व राज्य और केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं से घिरे रहे।
गांधी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करता हूं कि ‘मेक इन इंडिया’ की बात करने से पहले उन्हें यहां आकर इस जगह को देखना चाहिए और ‘मेक इन धारावी’ लागू करना चाहिए, जो हर रोज सैकड़ों रुपयों का कारोबार और सेवाएं पैदा करता है।”
लगभग 13 लाख की आबादी वाले 550 एकड़ में फैले धारावी एक फलती-फूलती अर्थव्यवस्था है और यहां घरेलू व्यवसाय हैं। यहां के उत्पाद केवल देशभर में ही नहीं बिकते, बल्कि विदेशों में भी निर्यात किए जाते हैं।
राहुल की पदयात्रा ने इलाके के पुराने निवासियों के जहन में स्वर्गीय राजीव गांधी की धारावी से घाटकोपर स्थित असल्फा गांव तक की 10 किमी लंबी पदयात्रा की याद ताजा कर दी।
यह अलग बात है कि तीन दशकों पूर्व धारावी एक ऐसी झुग्गी बस्ती थी, जहां अधिकांश राजनेता आने से कतराते थे।
धारावी की गलियों की पदयात्रा से लौटने के बाद राजीव गांधी ने इस झुग्गी बस्ती के विकास के लिए एक अरब रुपये के पैकेज की घोषणा की थी।