लंदन, 15 जनवरी (आईएएनएस)। पाॉलीक्लोरिनेटेड बाईफेनाइल (पीसीबी) प्रदूषण के नियमन और इसमें कटौती से संबंधित कई उपाय होने के बावजूद यह यूरोपीय समुद्रों में किलर व्हेल्स और डॉलफिन्स के लिए खतरे बढ़ा रहा है।
इसका खुलासा एक नए अध्ययन से हुआ है, जिसके नतीजे गुरुवार को ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ पर ऑनलाइन प्रकाशित हुआ है।
रासायनिक रूप में इसका इस्तेमाल बिजली के गियर, पेंट और अग्निशामक में किया जाता रहा है, जो जानवरों और इंसानों के लिए हानिकारक होता है। इसलिए यूरोप और अमेरिका में 20वीं सदी के मध्य में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
लेकिन एक नए शोध से सामने आया है कि रसायन का बायोमैग्नीफिकेशन समुद्री खाद्य चक्र के जरिये किलर व्हेल्स व डॉल्फिन्स जैसे समुद्री जीवों पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं।
शोधार्थियों का कहना है कि पीसीबी का ठीक से निस्तारण नहीं किया जाता है, इसलिए यह धीरे-धीरे नदियों से समुद्री पर्यावरण तक पहुंच जाता है।
शोधार्थियों के दल ने यूरोप के समुद्र से करीब 1,000 किलर व्हेल्स और डॉल्फिन्स के नमूनों का आकलन किया है।
निष्कर्ष बताते हैं कि पीसीबी का उच्च स्तर बना हुआ है और यह यूरोपीय समुद्री जीवों के लिए खतरे का कारण है।
जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन के शोधार्थी और इस अध्ययन के मुख्य लेखक पॉल जैप्सन ने बताया कि पीसीबी प्रदूषण समुद्री जीवों की प्रजनन क्षमता और नवजातों को भी प्रभावित करता है।
इस अध्ययन के सह-लेखक रॉबिन लॉ ने कहा कि हम वैश्विक नीति-निर्माताओं से आग्रह करते हैं कि समुद्री जीवों को बचाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करें।