चीन के ‘स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ साइंस, टेकनोलॉजी एंड इंडस्ट्री फॉर नेशनल डिफेंस (एसएएसटीआईएनडी)’ ने गुरुवार को इसकी घोषणा की।
एसएएसटीआईएनडी के अंतर्गत चंद्र अन्वेषण केंद्र के अध्यक्ष लियु जिझोंग ने कहा कि चांद का दूसरा हिस्सा गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी से कभी दिखाई नहीं देता और न ही मनुष्य ने इसके बारे में खोज की। इस अभियान के तहत मानव इतिहास में ‘चेंज-4’ पहला मिशन होगा।
लियु ने कहा कि चीन ने चांद के न दिखने वाले हिस्से की जांच की पहल करके पहले ही परिपक्व विज्ञान और प्रौद्योगिकी का दावा कर दिया है और वह अंतर्राष्ट्रीय समाज के साथ सहयोग के लिए तैयार है।
चीन ने दिसंबर 2013 में ‘चेंज-3’ के साथ कदम रखा था और यह अब भी पृथ्वी पर संदेश भेज रहा है। लियु का कहना है कि संरचना के मामले में ‘चेंज-3’ से ‘चेंज-4’ काफी मिलता-जुलता है, लेकिन यह अधिक पेलोड संभाल सकता है। इसका इस्तेमाल चांद के दूसरे हिस्से की भौगोलिक परिस्थितियों का अध्ययन करने के लिए किया जाएगा।
चीन ने विदेशी देशों से सहयोग के लिए 2015 में एक पत्र भेजा था। चीन चांद की खोज के अपने त्रिस्तरीय कार्यक्रम ‘चाइनाज थ्री स्टेप (ऑरबिटिंग, लैंडिंग एंड रिटर्न)’ के आखिरी चरण के तहत ‘चेंज-5’ चंद्र मिशन लांच करेगा।
लियु ने कहा, “चीनी वैज्ञानिकों द्वारा चीन के ‘चेंज-5’ चंद्र मिशन का विकास किया जा रहा है।”