हिमाचल प्रदेश]। पंचायत दधोल के अंतर्गत कोटला गांव में आयोजित शिव पुराण कथा के दौरान पंडित भारद्वाज ने कहा कि कलयुग में सच्चे मन से कीर्तन करने मात्र से ही भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। जबकि अन्य युगों में लोगों को भगवान को प्रसन्न करने में लाखों वर्ष लग जाते थे।
उन्होंने एक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार एक काला आदमी गाय व बैल को पीटते हुए ले जा रहा था। तभी राजा परीक्षित ने उसे देखा और रोककर कहा कि मेरे राज्य में गाय व बैल को मारना अपराध है। उस काले आदमी ने कहा कि मैं कलियुग हूं और मैं इन गाय व बैल को मार कर ही रहूंगा। उन्होंने कहा कि मैं इन्हें तब छोड़ूंगा जब आप मुझे अपने राज्य में रहने के लिए स्थान दोगे। तब राजा ने उसे चार स्थान दिए। मदिरालय, जुआखाना, वैश्यघर, हिंसा का स्थान, तब उस आदमी ने कहा कि राजन यह तो चारों ही अपवित्र स्थान है। राजा ने कहा कि तुम अपने युग का कोई ऐसा कार्य बता दो जो कि अच्छा है। कलियुग ने कहा कि मेरे युग में जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान का स्मरण व कीर्तन करते हैं, उनसे भगवान शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। तब राजा ने उसे पांचवां स्थान स्वर्ण दिया।