मुंबई।। म्यूचुअल फंड्स और ऑनलाइन पोर्टल्स सोमवार को अक्षय तृतीया को भुनाने की तैयारी में जुटे हैं। 10 अप्रैल से अब तक सोना 9 फीसदी से ज्यादा सस्ता हो चुका है। अभी इसकी कीमत 2,737.5 रुपए प्रति ग्राम है। ऐसे में उन्हें अक्षय तृतीया पर गोल्ड की सेल्स पिछले साल के काफी ज्यादा रहने की उम्मीद है।
वेल्थ मैनेजर्स का कहना है कि अक्षय तृतीया पर गोल्ड लिंक्ड प्रॉडक्ट्स की सेल्स में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है। रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट के सीईओ संदीप सिक्का के मुताबिक, ‘कीमत में हालिया करेक्शन रीटेल इनवेस्टर्स के लिए गोल्ड ईटीएफ खरीदने या गोल्ड फंड ऑफ फंड्स में इनवेस्टमेंट का अच्छा मौका है। गोल्ड इनवेस्टमेंट से पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई करने और ज्यादा रिस्क एडजस्टेड रिटर्न हासिल करने का मौका मिलता है। इनवेस्टर्स आसानी से गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड फंड ऑफ फंड्स में इनवेस्टमेंट कर सकते हैं। अक्षय तृतीया पर सोने की डिमांड पिछले साल से बहुत ज्यादा रह सकती है।’
देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई के बिजनस डिवेलपमेंट हेड रवि वाराणसी कहते हैं, ‘इंडिया में गोल्ड ईटीएफ स्कीम के लिए ग्रोथ के काफी मौके हैं, क्योंकि अभी इसका मार्केट बहुत छोटा है। ईटीएफ में अधिकांश इनवेस्टमेंट रीटेल सेगमेंट से आ रहा है। इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टमेंट अब भी बहुत कम है।’
एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की गोल्ड होल्डिंग्स पिछले दो साल में लगभग 100 फीसदी बढ़कर मार्च में 38 टन हो गई थी। इधर, एसबीआई म्यूचुअल फंड ने गोल्ड एक्युमुलेशन फैसिलिटी शुरू की है। इसका फायदा उठाकर इनवेस्टर्स एक ग्राम सोना भी खरीद सकते हैं। एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट के एमडी और सीईओ दीपक चटर्जी कहते हैं, ‘एक कस्टमर रिसर्च के मुताबिक, इनवेस्टर्स वैल्यू नहीं वजन के हिसाब से गोल्ड खरीदते हैं।
जो इनवेस्टर्स चाहते हैं कि एक तय समय में उनके पास अच्छा खासा सोना हो, उनके लिए गोल्ड एक्युमुलेशन फैसिलिटी बेस्ट ऑप्शन है।’ ऑनलाइन पोर्टल बुलियन इंडिया ने वेब बेस्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म शुरू किया है, जहां 0.1 ग्राम (100 मिलीग्राम) तक सोना और 1 ग्राम तक चांदी खरीदी जा सकती है। यह ऑप्शन आमतौर पर कहीं नहीं मिलता है। एनएसई पर गोल्ड ईटीएफ का टर्नओवर तीन गुना से ज्यादा बढ़कर अप्रैल में 926 करोड़ रुपए हो गया है, जो मार्च में 284 करोड़ रुपए था। वहीं, एनएसई पर लिस्टेड 15 गोल्ड ईटीएफ का डिलीवरी वॉल्यूम अप्रैल में ढाई गुना बढ़कर 510 करोड़ रुपए हो गया, जो मार्च में महज 184 करोड़ रुपए था।