पठानकोट, 5 जनवरी (आईएएनएस)। यहां स्थित वायुसेना के अड्डे पर आतंकी हमले के मामले में पंजाब पुलिस पर देर से कदम उठाने की बात को खारिज करते हुए पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने मंगलवार को कहा कि हमले से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कमांडो की तैनाती यह साबित करती है पुलिस ने एजेंसियों को पहले से चौकन्ना किया था।
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह अकेला ऐसा मामला है जिसमें घटना होने से पहले एनएसजी की तैनाती हो चुकी थी। जानकारी (आतंकवादियों के बारे में) साझा (संबंद्ध एजेंसियों से) की गई थी।”
हमले में शामिल छह आतंकवादी मारे गए हैं। डीजीपी ने कहा, “हमें अब और आतंकवादियों के होने के बारे में जानकारी नहीं है।”
पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अफसरों की इस बात के लिए आलोचना हो रही है कि आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए पुलिस अधीक्षक (एसपी) सलविंदर सिंह की सूचनाओं को उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया।
अरोड़ा ने कहा, “यह सही है कि एसपी की बात सुनने के बाद वे (वरिष्ठ अफसर) और छानबीन करना चाहते थे लेकिन उन्होंने एसपी से छीनी गई गाड़ी की तलाश फौरन शुरू कर दी थी। एडीजीपी, आईजी, डीआईजी जल्द से जल्द पठानकोट पहुंचे थे।”
उन्होंने इस बात को ‘पूरी तरह से गलत’ बताया कि एसपी की दी गई जानकारी के आधार पर कार्रवाई करने में देरी की गई।
अरोड़ा इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं दिखे कि पुलिस के स्तर पर खुफिया चूक हुई है। उन्होंने कहा, “जांच इसे साबित कर देगी।”