नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी के छोटे-मझोले लगभग 1000 दुकानदारों और उनके परिवार वालों ने दिल्ली किराया कानून में संशोधन की मांग को लेकर मंगलवार को दुकानदारों केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकया नायडू के आवास तक शांतिपूर्वक ‘पगड़ी मार्च’ किया और अपनी अपील स्वीकार कराने के लिए प्रतीकात्मक रूप से अपनी-अपनी पगड़ियां उनके आवास पर रखीं।
दिल्ली के लगभग 4 लाख छोटे-मझोले दुकानदारों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो चुका है, जो पिछले 7-8 दशकों से अपना परिवार चला रहे थे। ये वो दुकानदार/व्यापारी हैं, जिनके पास हर मार्केट में छोटी-छोटी दुकाने हैं, जैसे पनवाड़ी, किराना स्टोर, चाय वाला, मिठाई वाला इत्यादि। ये दुकाने अब मनमाने और असंवैधानिक रूप से जबरन खाली कराई जा रही हैं, वो भी कुछ भू-माफियाओं के इशारे पर।
इस प्रदर्शन के आयोजक राजधानी पगड़ी किरायेदार संगठन के प्रवक्ता, रामभक्त अग्रवाल ने कहा, “आज लाखों लोगों के जीवन-यापन पर संकट खड़ा हो चुका है। इन सब लोगों ने जब वो दुकानें ली थीं, तबके हिसाब से पूरी कीमत दी गई थी और हर महीने एक निम्नतम किराया भी तय प्रावधान के अनुसार दिया जाता है।”
उन्होंने कहा, “चाहे चांदनी चौक हो, करोलबाग, सदर बाजार या दिल्ली के किसी भी मार्केट का दुकानदार, उनको जबरदस्ती उनके राजगार से बेदखल किया जा रहा है जो कि संवैधानिक रूप से सरासर गलत हैं, हम प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री, शहरी विकास मंत्री, राज्य मंत्री सबको इससे अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं।”
संस्था के अध्यक्ष रवि कुमार गर्ग ने कहा, “हमारी प्रमुख मांग है कि अन्य राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, की तरह यहां भी संतुलित किराया कानून लागू किया जाए, जिससे न तो मकान मालिक का नुकसान हो और न पगड़ी दुकानदार का। दिल्ली में समरी प्रोसेस लागू न हो जिसमें पगड़ी दुकानदार का केस रिजेक्ट न हो।”