न्यूयार्क, 5 जनवरी (आईएएनएस)। एक नए शोध के अनुसार, अधिक समय तक पोर्नोग्राफी देखने से यौन आक्रामकता बढ़ती है।
सात देशों में किए गए 22 अध्ययनों से पता चला है कि पोर्नोग्राफी की खपत महिलाओं और पुरुषों के बीच यौन आक्रामकता से संबंधित है।
अध्ययन के अनुसार, यह संबंध शारीरिक यौन आक्रामकता की तुलना में मौखिक यौन आक्रमकता में अधिक देखे गए हैं।
अमेरिका की हवाई यूनिवर्सिटी और इंडियाना यूनिविर्सटी के शोथार्थियों के अनुसार, “हमारे निषकर्ष बताते हैं कि इस आक्रमकता के पीछे हिंसक सामग्री एक बड़ी वजह हो सकती है।”
वोकेटिव डॉट कॉम के अनुसार, प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि पोर्नोग्राफी की खपत यौन आक्रामकता, यौन उत्पीड़न, बलात्कार आदि से संबंधित हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है, “यौन आक्रामकता के कारण जटिल हैं। हालांकि सभी पोर्नोग्राफी उपभोक्ता यौन आक्रामक नहीं होते हैं।”
इसके अलावा शोधकर्ताओं ने अध्ययन में मुख्य रूप से जोड़ा है, सामान्य तौर पर जो व्यक्ति पोर्नोग्राफी नहीं देखते हैं या कम देखते हैं। उनकी तुलना में अधिक पोर्नोग्राफी देखने वालों में यौन आक्रामकता बढ़ने की अधिक संभावना रहती है।
यह शोध पत्रिका ‘जर्नल ऑफ कम्यूनिकेशन’ में प्रकाशित किया गया है।