रांची। केंद्रीय पर्यटन मंत्रलय ने गिरिडीह के पारसनाथ को एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में चिह्नि्त करते हुए इसके विकास के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस राशि से जैनियों के सबसे प्रमुख तीर्थस्थल में सुविधाओं का विस्तार समेत अन्य काम किए जाएंगे, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने पारसनाथ को पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से लाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था।
विश्व में जैन समुदाय के सर्वाधिक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में मशहूर पारसनाथ में सुविधाओं का घोर अभाव है। पूरे इलाके में नक्सलियों का प्रभाव है। अपराधियों ने कई बार सैलानियों के साथ लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया है। पारसनाथ को विकसित करने के पीछे यह भी मंशा है कि विधि-व्यवस्था को बेहतर किया जाए, ताकि पर्यटक यहां आने से नहीं डरें
20 तीर्थकरों को यहीं मिला निर्वाण-
जैन समुदाय के 24 तीर्थकरों मे से 20 ने यहीं ध्यान-साधना के जरिए प्राप्त किया निर्वाण।
पारसनाथ पहाड़ी सम्मेद शिखर के नाम से प्रसिद्ध। हर साल आते हैं हजारों जैन श्रद्धालु।