Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 राम मंदिर मुद्दा : क्या कहते हैं राजनीतिज्ञ व आमजन | dharmpath.com

Sunday , 24 November 2024

Home » फीचर » राम मंदिर मुद्दा : क्या कहते हैं राजनीतिज्ञ व आमजन

राम मंदिर मुद्दा : क्या कहते हैं राजनीतिज्ञ व आमजन

December 29, 2015 8:55 pm by: Category: फीचर Comments Off on राम मंदिर मुद्दा : क्या कहते हैं राजनीतिज्ञ व आमजन A+ / A-

Rammandir-Bलखनऊ– वर्ष 1992 के बाद से उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा किसी न किसी रूप में चर्चा का केंद्र बन ही जाता है। खासकर जब सूबे में या केंद्र में चुनावी माहौल हो, तब तो जोर-शोर से चारों ओर चर्चाएं होने लगती हैं। मंदिर निर्माण का मामला हालांकि अभी न्यायालय में विचाराधीन है और यह बात सभी जानते हैं, फिर भी कुछ सियासतदां सरेबाजार मंदिर निर्माण की चर्चा छेड़ने से बाज नहीं आते। लगभग एक साल बाद वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव जो होना है!

हाल ही में अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से पत्थरों की खेप आई तो दूसरे वर्ग की ओर से विरोध दर्ज कराते हुए जबरदस्त चर्चा हुई। यह चर्चा सूबे से दिल्ली तक जब पहुंची तो इस मामले पर सूबे के मुख्यमंत्री को भी गंभीर होना पड़ा।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने आवास पर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक, एडीजी (लॉ एंड आर्डर), एडीजी (इंटेलिजेंस), फैजाबाद के डीएम और एसएसपी की बैठक बुलाकर इस पर गहन मंत्रणा करनी पड़ी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अयोध्या के पल-पल की जानकारी उन्हें दी जाए और वहां कोई ऐसी गतिविधि न होने दिया जाए, जिससे शांति-व्यवस्था को नुकसान हो।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सोशल मीडिया और अफवाह फैलाने वालों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए। अयोध्या में मंदिर निर्माण की हो रही चर्चाओं पर राजनीतिज्ञों, सामाजिक चिंतकों और आमजन का अपना-अपना नजरिया है।

इस संबंध में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि अयोध्या की पहचान राम से है, बाबर से नहीं। राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का काम आज से नहीं, 1990 से ही चल रहा है। जो काम 25 वर्षो से चल रहा है, उसे क्यों रोका जाए? जब 30 सितंबर 2010 को हाईकोर्ट ने फैसला दे दिया था तो उसे क्यों नहीं माना गया? सुप्रीम कोर्ट में पहले कौन गया?

इन सवालों के बाद उन्होंने कहा कि जहां रामलला विराजमान हैं, वही स्थान श्रीराम जन्मभूमि है, इसलिए मंदिर निर्माण वहीं होगा। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के लोग अयोध्या में पत्थर कहां से लेकर आएंगे और पत्थर कहां पड़ेंगे, ये तो वक्त ही बताएगा।

वहीं बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने आईपीएन से कहा कि अभी हमें वहां पत्थर मंगाने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट यदि हमारे पक्ष में फैसला करता है तो पत्थर तो एक माह में आ जाएंगे।

अयोध्या के हाजी महबूब ने पत्थर मंगाने की बात की है। यह बात छेड़ने पर जिलानी ने कहा, “हम उनसे बात कर लेंगे, लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनसे मैं परचित नहीं हूं। वे हमारी बात क्यों सुनेंगे, वे कहेंगे कि क्या हम इनसे डरते हैं और जब नौजवान खड़े होंगे तो टकराव होगा ही।”

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की जबरदस्त चर्चा और पत्थरांे की पहुंच रही खेप मामले में कांग्रेस के मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन सत्यदेव त्रिपाठी ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, न्यायालय जो निर्णय करेगा, कांग्रेस पार्टी उसका स्वागत करेगी।

योगी के बयान मामले में त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव नजदीक है, इसलिए योगी और पूरा संघ परिवार राम मंदिर निर्माण का नाटक रचने लगा है। उन्होंने कहा कि ये लोग ‘राम’ का वोट के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, इन्हें राम या मंदिर से कोई लेनादेना नहीं है।

वहीं लोक शक्ति जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद चन्द्र मिश्र ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि अयोध्या में राम का भव्य मंदिर निर्माण हो ऐसी उनकी भी कल्पना है। लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण कोई प्रतिक्रिया उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञों को भी न्यायालय के निर्णय का इंतजार करना चाहिए।

इस मामले में सामाजिक चिंतक श्रवण कुमार भारत के इतिहास एवं वेदों में वर्णित तथ्यों के अनुसार, भगवान राम की जन्मभूमि तो अयोध्या नगरी ही है, इसमें कोई दोराय नहीं है। चूंकि राम मंदिर निर्माण का मसला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में मंदिर निर्माण संबंधी कोई भी बयान राजनीति से ही प्रेरित है।

आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन आर.डी. गुप्ता का इस मामले में कहना है, “हम लोग सेक्युलर स्टेट में रह रहे हैं, ऐसे में हमें सभी धर्मो और संप्रदाय के लोगों की भावनाओं का ध्यान रखन चाहिए।”

उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जानी चाहिए।

राम मंदिर निर्माण की जबरदस्त चर्चा और पत्थरांे की खेप पहुंचने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती का कहना है कि सपा और भाजपा उप्र में दंगा फैलाकर उसका विधानसभा चुनाव में लाभ लेना चाहती है। यही कारण है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण की चर्चा की जा रही है।

बसपा के वरिष्ठ नेता ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि यह सब सपा और भाजपा की मिलीभगत से हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है तो इसमें तो कुछ हो ही नहीं सकता। ऐसे में आमजन में बेवजह भ्रम फैलाया जा रहा है।

इस मामले में सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि सपा व मुलायम सिंह यादव ने पहले ही कह दिया था कि इस मामले का हल या तो अदालत करेगी या फिर इस समस्या का हल आपसी सहमति से निकलेगा।

उन्होंने कहा कि इस मालमे में यदि कोई गैरकानूनी काम करेगा तो कानून अपना काम करेगा। भाजपा और सपा की मिलीभगत के आरोप पर चौधरी ने कहा कि उन्हें सिर्फ आरोप लगाना ही आता है।

राम मंदिर मुद्दा : क्या कहते हैं राजनीतिज्ञ व आमजन Reviewed by on . लखनऊ- वर्ष 1992 के बाद से उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा किसी न किसी रूप में चर्चा का केंद्र बन ही जाता है। खासकर जब सूबे में या केंद्र लखनऊ- वर्ष 1992 के बाद से उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा किसी न किसी रूप में चर्चा का केंद्र बन ही जाता है। खासकर जब सूबे में या केंद्र Rating: 0
scroll to top