न्यूयॉर्क, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)। स्तन कैंसर की जांच के लिए अमूमन मैमोग्राफी का सहारा लिया जाता है, लेकिन हालिया अध्ययन के मुताबिक अल्ट्रासाउंड के माध्यम से भी इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। इसलिए चिकित्सक इस बीमारी की पहचान के लिए मैमोग्राफी की तरह अल्ट्रासाउंड का भी सहारा ले सकते हैं।
अमेरिका के पिट्सबर्ग में वूमेन्स हॉस्पिटल में शोधकर्ताओं में से एक वेंडी बर्ग मागी ने कहा, “एमआरआई के प्रति संवेदनशील ब्रेस्ट वाली महिलाएं व एमआरआई को सहन न करने वाली महिलाओं के लिए मैमोग्राफी के साथ-साथ अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल पूरक के तौर पर किया जाना चाहिए।”
विकसित देशों में स्तन कैंसर की पहचान के लिए मैमोग्राफी एक प्रभावी जांच सुविधा है, जबकि विकासशील व कम विकसित देशों में जहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां वैकल्पिक तरीकों जैसे अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल करने की जरूरत है।
शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि स्तन कैंसर की पहचान करने में अल्ट्रासाउंड उतना ही सक्षम है, जितना मैमोग्राफी।
यह अध्ययन पत्रिका ‘जेएनसीआई : जर्नल ऑफ नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट’ में प्रकाशित हुआ है।