आगरा। अक्षय फल देने वाला अक्षय तृतीया पर्व 13 मई को मनाया जाएगा। इस दिन एक साथ कई योग पड़ने से यह काफी फलदायक रहेगा। अनसूझा सहालग होने पर शहर में जगह-जगह बरातें निकलेंगी। कई संस्थाओं द्वारा सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किए जा रहे हैं।
सुख, संपति और सर्व कल्याण की कामना के लिए मनाया जाने वाला यह पर्व काफी फलदायक है। ज्योतिषाचार्य पूनम वाष्ण्रेय के अनुसार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत योग पड़ रहा है, जिससे इस दिन पूजन और जाप करने वाले व्यक्ति को उसका पर्याप्त फल प्राप्त होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग 13 मई को दोपहर 12.47 बजे तक रहेगा। यह दिन रत्नों के पूजन और प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंगलकारी है। इस दिन जो पूजा-पाठ, जाप आदि किये जायेंगे, उसका अक्षय फल प्राप्त होगा।
अक्षय तृतीय पर ग्रीष्मकाल का प्रकोप बहुत होता है। इसलिए भगवान का भोग शीतल पेय पदार्थो से लगाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन सतयुग का प्रारंभ हुआ था, इसलिए राधा-कृष्ण, लक्ष्मी-नारायन का विशेष पूजन किया जाता है। किसान भी अपनी नई फसल काट कर उसे भगवान को समर्पित करते हैं।
सोने का सजेगा बाजार-
दक्षिण भारत में मान्यता है कि अक्षय तृतीय पर सोने के आभूषणों की खरीददारी करने से धन-संपदा में वृद्धि होती है। अब यह मान्यता उत्तर भारत में प्रभावी हो गयी है। इस दिन ज्वैलर्स के शोरूमों पर रौनक रहेगी। जिसकी तैयारियों में स्वर्णकार जुटे हुए हैं।