नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) को विदेश से मिलने वाले चंदों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ये आर्थिक सहयोग विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) का उल्लंघन कर हासिल किए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) को विदेश से मिलने वाले चंदों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ये आर्थिक सहयोग विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) का उल्लंघन कर हासिल किए जा रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी.रोहिणी और न्यायाधीश आर.एस.एंडलॉ ने अधिवक्ता एम.एल.शर्मा द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
इससे पहले केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने इस मामले की जांच कराई थी लेकिन आम आदमी पार्टी के खिलाफ कुछ पाया नहीं गया था।
शर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया था, “यह पता चला है कि दुबई और अन्य देशों से लाखों फोन काल दिल्ली की गईं, खासकर मुस्लिम समुदाय को की गईं और इनमें चुनाव में आप को समर्थन देने के लिए कहा गया था।”
याचिका में केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अधिवक्ता प्रशांत भूषण एवं शांति भूषण का नाम दिया गया था। इसमें कहा गया था कि आप के सदस्यों को कंपनियों और न्यासों के जरिए सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) से पैसा मिल रहा है।