लंदन, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। ब्रिटेन के हाउस ऑफ लार्ड्स के भारतीय मूल के सदस्य लॉर्ड राज लूंबा ने कहा है कि भारत की 4 करोड़ 80 लाख विधवाओं को उत्पीड़न से बचाने के लिए भारत सरकार को आयोग का गठन करना चाहिए।
विधवाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले लूंबा ने ब्रिटिश समाचारपत्र ‘एशियन लाइट’ से कहा, “इन लोगों को वित्तीय और सुरक्षा मदद उपलब्ध कराने के लिए एक सुनियोजित व्यवस्था होनी चाहिए। भारत में विधवाओं को संरक्षण देने के लिए आयोग सबसे बेहतर मंच साबित होगा।”
लूंबा ने कहा कि ‘भारत का 70 फीसदी हिस्सा ग्रामीण है।’ इसलिए जरूरी है कि विधवाओं की मदद के लिए बनाई जाने वाली व्यवस्था के केंद्र में पंचायती राज संस्थाओं को रखा जाए। विधवाओं की सबसे बुरी हालत गांवों में ही है।
लूंबा का लॉर्ड लूंबा फाउंडेशन पूरी दुनिया में विधवाओं के अधिकारों के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, “ग्रामीण इलाकों में विधवाओं का शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, यहां तक कि यौन शोषण किया जाता है। सच तो यह है कि ये अपने ही घर में गुलाम होती हैं। वे अशिक्षित और गरीब होती हैं। उन्हें नहीं पता होता कि किससे मदद मांगें। इसलिए अगर कोई व्यक्ति खास विधवाओं की समस्याओं को सुनने के लिए होगा तो इससे उन्हें बहुत मदद मिलेगी।”
उन्होंने कहा, “साथ ही यह उन लोगों के लिए प्रतिरोधक का भी काम करेगा, जो विधवाओं का उत्पीड़न करते हैं।”
लूंबा ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के वृंदावन में 5000 विधवाओं की मदद के लिए परियोजना की शुरुआत की है।
लूंबा की संस्था गरीब विधवाओं के बच्चों को शिक्षा देने और विधवाओं को तमाम तरह के रोजगार के लिए प्रशिक्षण देने का काम करती है।
संस्था का कहना है कि भारत के 29 राज्यों में उसने विधवाओं के 10000 बच्चों को शिक्षित किया है और करीब 60000 परिवारों की मदद की है।
लूंबा ने कहा कि वह पूरी दुनिया में विधवाओं की स्थिति सुधारने के लिए संयुक्त राष्ट्र से भी मदद मांग रहे हैं।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की पत्नी चेरी ब्लेयर लार्ड लूंबा फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं।