नई दिल्ली, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की ऊपरी सीमा 18 फीसदी तय करने से ऐसी स्थिति पैदा होगी, जिसमें नुकसानदेह और विलासिता उत्पादों पर कर नहीं बढ़ाया जा सकेगा।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को यहां 13वें हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में कहा, “कई नुकसानदेह उत्पाद हैं, जैसे शराब, सिगरेट, जिन पर ऊंचा कर लगाने की जरूरत है। कई प्रदूषणकारी उत्पाद हैं और कई विलासिता की श्रेणी में आने वाले उत्पाद हैं, जिन पर ऊंचा कर लगाया जाना चाहिए।”
जीएसटी विधेयक में पूरे देश को एक अखंड बाजार में तब्दील करने का प्रावधान है, जिसके लिए देश के तकरीबन सभी अप्रत्यक्ष कर को जीएसटी में समाहित कर दिया जाएगा।
लोकसभा ने इस विधेयक को मई में पारित कर दिया है, लेकिन यह राज्यसभा में लंबित है, जहां सरकार अल्पमत में है।
कांग्रेस पार्टी मांग कर रही है कि जीएसटी के तहत कर की ऊपरी सीमा 18 फीसदी तय किए जाएं।
विपक्ष एक फीसदी अतिरिक्त कर का भी विरोध कर रहा है, जिसका मकसद उत्पादक राज्यों को लाभ पहुंचाना है।
सरकार अगले साल एक अप्रैल से जीएसटी लागू करना चाहती है। लेकिन संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण इसे संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई से पारित कराने के अलावा देश के आधे राज्यों की विधायिका से भी पारित कराए जाने की जरूरत है।