तिरुवनंतपुरम, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। केरल विधानसभा में ‘सौरऊर्जा घोटाले’ को लेकर शुक्रवार को भी हंगामा हुआ। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच की नोक-झोंक के बाद कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन में गुरुवार को विपक्ष ने घोटाले में मुख्यमंत्री ओमन चांडी की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए उनका इस्तीफा मांगा था और हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। गुरुवार की ही तरह शुक्रवार को भी प्रश्नकाल के फौरन बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच की तकरार के कारण एक बार फिर कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
विवाद तब और भड़क उठा जब विपक्ष के जवाब में सत्तापक्ष ने साल 2000 के एक घोटाले के मामले को उठा दिया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) विधायक और विपक्ष के नेता वी.एस.अच्युतानंदन ने यह मामला उठाया। उन्होंने श्रम मंत्री शिबु बेबी जॉन से गुरुवार को दिए एक बयान पर स्पष्टीकरण मांगा।
अच्युतानंदन ने कहा, “कल (गुरुवार को) आपने (जॉन ने) कहा था कि घोटले का मुख्य आरोपी बीजू राधाकृष्णन न्यायिक जांच आयोग के सामने जिस तरह से पेश हुआ है, उससे एक गहरी साजिश नजर आ रही है। आप नाम बताने ही वाले थे, लेकिन आपके दो कैबिनेट सहयोगियों ने आपको रोक दिया था। आज हम आपसे जानना चाहते हैं कि इसके पीछे कौन है?”
जॉन ने कहा कि समय आने पर वह बता देंगे कि किसके पीछे कौन है।
जॉन ने कहा, “इसीलिए मैंने कहा था कि मैं भी आयोग के सामने अभियोग लगाऊंगा ताकि सच सामने आए। लेकिन इसके पहले मैं अच्युतानंदन से प्रार्थना करूंगा कि वह उस वीआईपी का नाम बताएं जो किल्लीरूर सेक्स स्कैंडल में शामिल था।”
साल 2000 का किल्लीरूर सेक्स स्कैंडल एक किशोरी से संबद्ध है। किशोरी की बाद में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। 2006 में विधानसभा चुनाव से पहले अच्युतानंदन ने कहा था कि इस स्कैंडल में एक वीआईपी शामिल है और अगर वह सत्ता में आए तो उसे कानून के शिकंजे में लाएंगे।
लेकिन, अच्युतानंदन ने मुख्यमंत्री बनने के बावजूद कुछ नहीं किया।
जॉन द्वारा किल्लीरूर सेक्स स्कैंडल का उल्लेख किए जाने के साथ ही पूरा विपक्ष हंगामा करने लगा। सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष एन. सकथन ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
राधाकृष्णन ने बुधवार को जांच आयोग से कहा था कि उसके पास दो वीडियो हैं, जिनमें दिख रहा है कि मुख्यमंत्री चांडी और दो अन्य मंत्री सौर ऊर्जा मामले की एक अन्य आरोपी सरिता नायर के साथ आपत्तिजनक अवस्था में हैं।
सौर ऊर्जा घोटाला 2013 में सामने आया था। इसमें एक फर्जी कंपनी, टीम सोलर ने सौर ऊर्जा इकाइयां लगाने के नाम पर कई प्रभावशाली लोगों से करोड़ों रुपये ठगे थे।
टीम सोलर ने राजनैतिक संबंध बनाने के लिए दो महिलाओं का इस्तेमाल किया था। कहा जा रहा है कि इनके तार मुख्यमंत्री कार्यालय तक से जुड़ गए थे।
मामले के मुख्य आरोपी राधाकृष्णन और उसकी लिव-इन पार्टनर सरिता नायर को निवेशकों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
सरिता जमानत पर जेल से बाहर आ गई है। राधाकृष्णन अभी भी अपनी पत्नी की हत्या के मामले में जेल में बंद है।