नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने दिल्ली के विधायकों का वेतन बढ़ाए जाने की आलोचना की। शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की मंजूरी लिए बिना मात्र एक धन विधेयक पारित कर विधायकों का वेतन 400 फीसदी बढ़ाना अवैध है।
माकन ने यहां संवाददाताओं से कहा, “आप सरकार ने दिल्ली के विधायकों का वेतन 400 फीसदी तक बढ़ा दिया है। उन्हें अब यात्रा भत्ता सहित प्रतिमाह 2.60 लाख रुपये वेतन मिलेगा। यही नहीं, प्रतिवर्ष 10 फीसदी की बढ़ोतरी भी होगी। इसका मतलब कि पांच साल के अंत तक प्रति विधायक सालाना पचास लाख रुपये।”
दिल्ली विधानसभा में कुल 70 विधायक हैं। आप के 57 और 3 भाजपा के। लगातार 15 साल राज करने वाली कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “यदि आप का कोई विधायक प्रतिवर्ष सलाना आधा करोड़ रुपये वेतन लेगा तो उसे धिक्कार है। इस पार्टी को अब अपना नाम वीवीआईपी पार्टी रख लेना चाहिए, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि एक वीवीआईपी को भी इतना वेतन मिलता होगा।”
माकन ने कहा, “चूंकि यह धन विधेयक है और विधायकों के वेतन में 400 फीसदी की बढ़ोतरी होने जा रही है, इसलिए इसे राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ही पारित किया जाना चाहिए था। आप सरकार गैर कानूनी कार्यो के लिए प्रतिबद्ध है।”
तीन सदस्यीय कमेटी ने दिल्ली के विधायकों के वेतन में भारी बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। इस विधेयक को अंतिम मंजूरी के लिए अब केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा।
आप नेता आशुतोष ने विधायकों का वेतन बढ़ाए जाने को तर्कसंगत और जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि कम वेतन और लूट-खसोट। अब तक यही होता रहा है। महंगाई काफी बढ़ गई है, इसलिए वेतन-वृद्धि जरूरी थी। ईमानदारी से काम करने वालों का वेतन ज्यादा होना ही चाहिए। कांग्रेस और भाजपा को लूट-खसोट की आदत पड़ी हुई है। उनके मौजूदा और पूर्व विधायकों की संपत्ति की जांच होनी चाहिए, ताकि पता लग सके कि मामूली वेतन पाकर वे धन-कुबेर कैसे बन गए।