चेन्नई, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। चेन्नई में बारिश के थमने और जलस्तर के घटने के बाद कुछ हिस्सों में जीवन सामान्य हो रहा है, लेकिन जलभराव वाले क्षेत्रों में अब भी लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
मायलापुर और टेनामपेट में कुछ दुकानें खुली हैं, जबकि जहां भी संभव हो सके, बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई है लेकिन अधिकांश हिस्सों में बिजली नहीं है।
जिन इलाकों में जलस्तर कम हुआ है, वहां सार्वजनिक परिवहन की सेवा बहाल हो गई है। ऑटोरिक्शा भी चल रहे हैं, लेकिन ऑटोरिक्शा चालकों द्वारा यात्रियों से अधिक किराया वसूलने की शिकायतें आ रही हैं।
यहां के स्थानीय निवासियों का कहना है कि चेन्नई के कई क्षेत्रों में अब भी जलभराव की स्थिति है और आवश्यक खाद्य पदार्थो की आपूर्ति में मुश्किल आ रही है।
एक स्थानीय निवासी विश्वनाथ ने बताया, “जलभराव की समस्या बनी हुई है। राहत की बात सिर्फ यही है कि बारिश थम चुकी है।”
अड्यार नदी का जलस्तर कम हो गया है। चेंबारामबक्कम झील से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की वजह से नदी उफान पर थी।
दक्षिण रेलवे ने चेन्नई बीच स्टेशन से तिरुनेलवेली, रामेश्वरम और हावड़ा के लिए विशेष रेल सेवाएं शुरू करने की घोषणा की।
इसके साथ ही संचार व्यवस्था-लैंडलाइन और मोबाइल फोन की सेवाएं बाधित हैं।
मूडीचूर और तंबारम जैसे अत्यधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग बारिश थमने और राहत सामग्री मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
चेन्नई में यह एक सदी की सबसे भीषण बारिश है और इससे तमिलनाडु में 269 लोगों की मौत हो गई है।
चेन्नई में जगह-जगह जलभराव की स्थिति है। घरों में पानी घुस गया है, जिससे स्थानीय निवासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और पीड़ितों के लिए तत्काल 1,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिह ने चेन्नई और तीन अन्य जिलों में इस स्थिति को खतरनाक बताया है।