वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण बृहस्पतिवार को चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन लग रहा है। बृहस्पतिवार की रात लगने वाला यह ग्रहण स्वाति नक्षत्र में तुला राशि में होगा। भारत में रात 1.22 बजे से लेकर 1.53 बजे तक ग्रहण दिखेगा। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक ग्रहण का प्रभाव जातकों पर 108 दिन तक रहेगा। यह चंद्रग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण न होकर अल्पग्रास चंद्र ग्रहण है। ग्रहण में स्नान व दान का विशेष महत्व
आचार्य मस्तराम शर्मा ने बताया कि चंद्र ग्रहण के समय स्नान दान करने शुभ फल की प्राप्ति होती है। चंद्र ग्रहण में यह फल लाख गुना प्राप्त होता है। ग्रहण के समय स्नान व प्रभु का ध्यान करना शुभ है। वहीं चंद्र ग्रहण के बाद दान करना अतिशुभ है। चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए राशिनुसार दान करें। ऐसा रहेगा चंद्रग्रहण का प्रभाव
बालमुकुंद शास्त्री के अनुसार स्वाति नक्षत्र में लगने वाले ग्रहण का प्रभाव 12 राशियों पर अलग अलग पड़ेगा। उन्होंने बताया कि वृष, सिंह, मिथुन, धनु व मकर राशि के जातकों के लिए ग्रहण श्रेष्ठ है। मेष, कन्या व कुंभ राशि के लिए मध्यम फल देने वाला रहेगा। साथ ही कर्क, तुला, वृश्चिक व मीन राशि के जातकों के लिए कष्टदायक रहेगा। तुला राशि के लिए चंद्र ग्रहण विशेष फलदायक नहीं रहेगा। अत: तुला राशि वालों को चावल, चांदी व सफेद वस्त्रों का दान करना श्रेष्ठ रहेगा।