मुंबई : बाजार नियामक सेबी ने कोलकाता स्थित शारदा रीयल्टी इंडिया को तीन महीने में अपनी सभी योजनाएं बंद करने तथा निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया। समूह के खिलाफ कथित धोखाधड़ी को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच यह आदेश आया है।
सेबी ने मंगलवार देर रात जारी 12 पृष्ठ के अपने आदेश में शारदा रीयल्टी इंडिया तथा उसके प्रबंध निदेशक सुदिप्त सेन पर तब तक प्रतिभूति बाजार में लेन-देन करने से रोक लगा दी है जब तक कंपनी की सभी सामूहिक निवेशक योजनाएं (सीआईएस) बंद नहीं हो जाती और निवेशकों का पैसा लौटा नहीं दिया जाता। शारदा समूह द्वारा पश्चिम बंगाल में विभिन्न निवेश योजनाओं से जुड़े निवेशक तथा एजेंट पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, सेन को जम्मू कश्मीर में आज गिरफ्तार कर लिया गया।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि अगर शारदा रीयल्टी सीआईएस योजनाओं को बंद करने तथा निवेशकों का पैसा लौटाने में नाकाम रहती है तो वह कंपनी तथा उसके निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा। इसके अलावा नियामक ने यह भी कहा है कि अगर तीन महीने में उसके आदेश का पालन नहीं होता है तो धोखाधड़ी, विश्वास भंग करना तथा सार्वजनिक कोष के गबन के लिए आपराधिक मुकदमा शुरू की जाएगी। साथ ही कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के माध्यम से पूरी कंपनी को बंद करने की कार्रवाई शुरू होगी।
सूत्रों ने कहा कि सीआईएस नियमन के उल्लंघन को लेकर शारदा समूह की कुछ और कंपनियों के खिलाफ सेबी की जांच जारी है। अप्रैल 2010 में पश्चिम बंगाल सरकार के आर्थिक अपराध जांच प्रकोष्ठ के निदेशक के कहने पर सेबी ने करीब तीन साल पहले शारदा रीयल्टी के खिलाफ जांच शुरू की थी। सेबी ने पाया कि कंपनी लोगों से 10,000 से 100,000 रुपये 15 महीने से 120 महीने के लिए ले रही है और इस पर 12 से 24 प्रतिशत का रिर्टन देने का का वादा कर रही थी। निवेशकों को निवेश के बदले जमीन और फ्लैट की पेशकश की गई थी।
कंपनी बार-बार किसी तरह की जाली योजना चलाने से इनकार करती रही है लेकिन सेबी ने अपनी जांच के बाद कंपनी को बिना मंजूरी के सामूहिक निवेश योजना चलाने का दोषी पाया। इसके अलावा उसे सीआईएस नियमों के उल्लंघन का भी दोषी पाया गया। जांच के दौरान सेबी ने कंपनी को कई कारण बताओ नोटिस जारी किए। लेकिन उसे कंपनी से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला और उसने कार्रवाई का फैसला किया।