इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के सुरक्षा गार्ड और विरोधी के बीच झड़प हो गई। झड़प उस दौरान हुई, जब मुशर्रफ को कोर्ट के सामने पेश किया जा रहा था। इससे पहले मुशर्रफ को सोमवार को कुछ राहत मिली है। देश की अंतरिम सरकार ने उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक ऐसा मुकदमा सिर्फ सरकार ही दायर कर सकती है। अब 11 मई के चुनावों के बाद बनने वाली सरकार पर उम्मीदें टिकी हैं। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद मुशर्रफ के वकीलों को उनसे नहीं मिलने नहीं दी गई।
अंतरिम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच को बताया है कि इस सरकार को केवल स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव करवाने का जिम्मा मिला है। इसलिए मुशर्रफ के मामले में वह कोई निर्णय नहीं ले सकती। इस जवाब में कहा गया है कि अंतरिम सरकार देश व सूबों में चुनाव करवाने, उम्मीदवारों को सुरक्षा देने में व्यस्त है।
सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस जव्वाद ख्वाजा की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच बनाई है। यह मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों संबंधी याचिकाओं की सुनवाई करेगी। जस्टिस ख्वाजा ने कहा कि बेंच को आठ दिन हो गए सरकार से जवाब मांगते। अब प्रशासन कहता है कि वह कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अब अंतरिम सरकार यह भी कह सकती है कि वह मुशर्रफ के खिलाफ एफआईआर भी नहीं करवा सकती।
तालिबान ने अफगान कंपनी के एक हेलीकॉप्टर को पूर्वी अफगानिस्तान में आपात स्थिति में उतारकर इस पर सवार सभी नौ लोगों को बंधक बना लिया। इस इलाके के एक जिला प्रशासक कहते हैं कि हेलीकॉप्टर को रविवार दोपहर में तेज हवाओं और बारिश के बीच लोगार गांव में उतारा गया। यह गांव पाकिस्तानी सीमा से 30 किमी दूर है।