मुंबई, 16 नवंबर (आईएएनएस)। शिव सेना ने सोमवार को कहा कि देश को आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी, क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ पश्विमी देशों के प्रयास उनके अपने स्वार्थ तक ही सीमित हैं।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में पेरिस हमलों का जिक्र करते हुए लिखा है, “सवाल यह है कि क्या केवल शाब्दिक सहानुभूति दुनिया से आतंकवाद खत्म कर सकती है। पाकिस्तान जैसा देश, जो कि आतंकवाद की बहुराष्ट्रीय कंपनी है, उसका पेरिस हमलों की निंदा करना हास्यास्पद है।”
शिवसेना ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षो से भारत आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित रहा है, लेकिन जब तक अमेरिका और यूरोप पर हमला नहीं होता, वे हमारी पीड़ा नहीं समझ सकते।
संपादकीय में आगे लिखा गया है, “अमेरिका ने अपने स्वार्थ के लिए इराक को तबाह किया और सद्दाम हुसैन को मार डाला। उस समय फ्रांस जैसे कई देशों ने अमेरिका का सर्मथन किया था। फ्रांस उस अपराध में अमेरिका का साझेदार था। इसने आईएसआईएस नामक एक राक्षस को जन्म दिया, जो अब यूरोप को भी नहीं बख्श रहा है। यही कड़वी सच्चाई है।”
शिव सेना ने आईएसआईएस के बारे में कहा है कि इस संगठन की निगाहें कश्मीर पर हैं और जिस प्रकार वहां उसके झंडे फहराए जाते हैं, 13/11 पेरिस हमले को देखते हुए यह गंभीर चिंता का विषय है।
इसी संबंध में शिव सेना ने कहा है कि फ्रांस और भारत में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है। फ्रांस इस पर लगाम लगाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन भारत इसके आगे सिर झुका रहा है। हालांकि मुस्लिम आबादी पर लगाम लगाने के प्रयास के लिए फ्रांस को पिछले कुछ समय में कई आतंकवादी हमले झेलने पड़े हैं।
संपादकीय के मुताबिक, “वक्त की जरूरत है कि 13/11 हमलों से सबक लेकर यूरोप वैश्विक आंतकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए संयुक्त प्रयास करे।”