पेरिस, 15 नवंबर (आईएएनएस)। पेरिस में हुए आतंकवादी हमले, जिनमें 129 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक जख्मी हो गए, केवल एक बार की बात नहीं हैं। इस प्रकार के घातक हमले फिर हो सकते हैं।
आतंकवाद मामले के एक विशेषज्ञ मैग्नस रैनस्टोर्प ने समाचार वेबसाइट ‘द लोकल’ से कहा कि “इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने फ्रांस में कहर बरपाया, क्योंकि फ्रांसीसी अपनी सैन्य शक्ति दिखा रहे थे। यहां सख्ती की बातें हो रही थीं, खासतौर से जनवरी में शार्ली हेब्दो के कार्यालय पर आतंकी हमले के बाद।”
मैग्नस ने कहा, “फ्रांसीसी युद्ध में लिप्त हैं और कुछ समय से वे गठबंधन में हैं।”
आतंकवाद विशेषज्ञ ने बताया कि लगभग 2,000 फ्रांसीसी नागरिक आईएस के साथ लड़ रहे हैं। यह आईएसआईएस में यूरोपियों का एक-तिहाई हिस्सा है।
द लोकल के मुताबिक, रैनस्टोर्प ने कहा, “कुछ देशों से सीरिया की यात्रा कठिन हो गई है। हालांकि फ्रांस में इसकी रफ्तार बढ़ रही है।”
रैनस्टोर्प ने कहा कि सीरिया में युद्ध छिड़ने के बाद से फ्रांस में सार्वजनिक स्थानों पर 17 हमले या नाकाम हमले हुए हैं। इनमें शार्ली हेब्दो और पेरिस में कोशर सुपरमार्केट पर हुए हमले शामिल हैं।
रैनस्टोर्प ने कहा, “यह समस्या बढ़ी है। फ्रांसीसियों के लिए अन्य देशों की तुलना में उत्तरी अफ्रीका और आईएसआईएस के मोर्चे अधिक चिंता का विषय हैं।”
रैनस्टोर्प ने सवाल उठाते हुए कहा, “उन्होंने अब पेरिस पर हमला क्यों किया? सीरिया के भीतर और कुछ हद तक इराक में आईएस के कब्जे वाले क्षेत्र उसके हाथ से निकल रहे हैं। इन नुकसानों का बदला लेने के लिए वे कहर बरपा रहे हैं।”
आतंकवाद विशेषज्ञ ने कहा, “मैं यूरोप में खुफिया एजेंसियों से बात करता रहा हूं। उनका कहना है कि जैसे ही वे यूरोप की ओर रुख करेंगे, हमें परेशानी होगी।”
रैनस्टोर्प ने कहा, “यह यहीं समाप्त नहीं हुआ, यह जारी रहेगा।”