लंदन, 13 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के कॉरपोरेट जगत को भारत में कारोबार के लिए पारदर्शी, उम्मीद के मुताबिक और एक आसान नीतिगत माहौल का आश्वासन देते हुए कहा कि मौजूदा समय में भारत के साथ काम करना समझदारी की बात है। भारत की उभरती आर्थिक क्षमताओं की पुष्टि विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व आर्थिक मंच जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों ने भी की है।
ब्रिटेन के तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार को यहां पहुंचे प्रधानमंत्री ने 15वें सेंचुरी गिल्डहॉल में भारत-ब्रिटेन व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए वैश्विक निवेशकों की भारत में कराधान से संबंधित चिंताओं को भी दूर करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि वे इससे संबंधित सभी मुद्दों का समाधान करने में व्यक्तिगत तौर पर रुचि लेते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल मई में सत्ता संभालने के बाद अपनी सरकार द्वारा इस संबंध में उठाए गए कुछ ठोस कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “ऐसे कई नियमन और कराधान से संबंधित मुद्दे थे, जिनका विदेशी निवेशकों की सोच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। हमने इन चिंताओं को दूर करने के लिए बेहद निर्णायक कदम उठाए हैं।”
उन्होंने कहा, “हम अपनी कर व्यवस्था को पारदर्शी और उम्मीद के मुताबिक बनाना चाहते हैं। हम यह भी चाहते हैं कि सच्चे निवेशकों और ईमानदार करदाताओं को कराधान से संबंधित मामलों पर त्वरित और निष्पक्ष फैसले मिले।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की इसी सोच के कारण वैश्विक परामर्शदाता कंपनी अन्सर्ट एंड यंग ने भारत को निवेश की दृष्टि से पहले नंबर पर रखा है, जबकि फ्रॉस्ट एंड सुलिवन सहित अन्य कंपनियों ने विकास और नवाचार के संबंध में देश को शीर्ष पर रखा है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के संबंध में आंकड़े भी पेश किए। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के अनुमान के बावजूद विश्व बैंक ने हाल ही में भारत की विकास दर इस साल 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को एक ‘उज्जवल भविष्य’ की तरह देखता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “सुधार के इस दौर के देखते हुए मैं कह सकता हूं कि भारत विदेशी निवेश के लिए सबसे खुले देशों में से एक है।”
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में अपने ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ जैसी परियोजनाओं पर प्रकाश भी डाला। उन्होंने कहा कि भारत के साथ व्यापार को आसान व सरल बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही आम नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने की भी हरसंभव कोशिश की जा रही है।
ब्रिटिश कॉरपोरेट जगत से भारत में निवेश की अपील करते हुए मोदी ने कहा, “आप में से कई लोग भारत से हैं, कई पहले से भारत में हैं, लेकिन वहां नहीं हैं, उन्हें मैं कहना चाहूंगा कि इस समय भारत में व्यापार करना समझदारी की बात है। हम भारत में निवेश को आसान बनाने जा रहे हैं।”