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 काली मां को प्रसन्न करने के लिए बरसाते हैं पत्थर | dharmpath.com

Wednesday , 27 November 2024

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काली मां को प्रसन्न करने के लिए बरसाते हैं पत्थर

विशाल गुलाटी

विशाल गुलाटी

धामी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश का यह शहर ब्रिटिश आधिपत्य के समय में शिकारियों के लिए स्वर्ग माना जाता था। इसे अपनी एक अनूठी सांस्कृतिक गतिविधि के लिए भी जाना जाता है। वह है देवी काली को खुश करने के लिए पत्थरों की बरसात।

दिवाली के एक दिन बाद धामी के वयस्क पुरुष आकर्षक पोशाकों में जमा होते हैं और एक दूसरे पर छोटे आकार के पत्थर फेंकते हैं। धामी, शिमला से 25 किलोमीटर दूर स्थित है।

पत्थरों की यह बारिश गुरुवार को हुई। 15 मिनट तक चली और इसमें छह लोग घायल हो गए।

एक सरकारी अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि एक घायल का काफी खून बहने की वजह से इसे रोक दिया गया।

धामी में इस परंपरा को ‘पत्थरों का मेला’ कहा जाता है।

‘पत्थरों के मेले’ में दो समूह एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते हैं। एक समूह धामी के पुराने जमाने के राजवंश का प्रतिनिधि माना जाता है और दूसरे समूह को आम लोगों का।

बुजुर्ग बताते हैं कि अतीत में इस ‘मेले’ में काफी खून बहता था।

बुजुर्ग ध्यानचंद ने आईएएनएस को बताया, “इसकी शुरुआत सदियों पहले नरबलि की परंपरा को रोकने के लिए की गई थी। तब राज्य की अन्य जगहों की तरह यहां भी नरबलि दी जाती थी।”

उन्होंने कहा कि पहले इसमें काफी खून बहता था। उन्होंने बताया, “अब मानवाधिकार संगठनों के दखल और पुलिस बल की तैनाती की वजह से यह एक अनुष्ठान जैसा रह गया है। इसमें लोगों की भागीदारी भी अब हर साल कम हो रही है।”

इस कार्यक्रम का आयोजन एक समिति करती है जिसमें आम तौर से पूर्व शाही खानदान के वंशज होते हैं।

पत्थरों की ‘जंग’ तब शुरू होती है जब हेलाग के नरसिंह मंदिर के देवता काली मंदिर पहुंचते हैं।

पत्थर फेंकने वाले एक समूह का संबंध हेलाग से होता है जबकि दूसरा पास के गांव जामोग का होता है। हेलाग एक समय धामी राज्य की राजधानी हुआ करता था।

ऐसी मान्यता है कि पत्थर लगने से घायल होने वाला काली का भक्त होता है। उसके रक्त से देवी काली को तिलक लगाया जाता है।

इस मेले को देखने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ बड़ी संख्या में पर्यटक भी आते हैं।

मेले के दिन स्थानीय लोग कृषि सामग्री खरीदते हैं। माना जाता है कि इस खरीदारी से समृद्धि आती है और प्राकृतिक आपदा से राहत मिलती है।

भीम सिंह नाम के किसान ने कहा, “हम इस शुभ दिन आम तौर से कृषि सामग्री खरीदते हैं।”

काली मां को प्रसन्न करने के लिए बरसाते हैं पत्थर Reviewed by on . विशाल गुलाटीविशाल गुलाटीधामी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश का यह शहर ब्रिटिश आधिपत्य के समय में शिकारियों के लिए स्वर्ग माना जाता था। इसे अपनी एक अनूठी सां विशाल गुलाटीविशाल गुलाटीधामी, 12 नवंबर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश का यह शहर ब्रिटिश आधिपत्य के समय में शिकारियों के लिए स्वर्ग माना जाता था। इसे अपनी एक अनूठी सां Rating:
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