यह रेलमार्ग रायपुर से बलौदाबाजार होकर झारसुगुडा तक चलेगी। साथ ही अंबिकापुर से बरवाडीह रेल लाइन पर भी रेलमंत्री ने अपनी सहमति व्यक्त की है। प्रभु ने छत्तीसगढ़ के पांच रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए प्रस्ताव मंगवाया है।
इन मार्गो की कुल लंबाई 492 किलोमीटर होगी। मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री के साथ बैठक में रायपुर-बलौदाबाजार-झारसुगुड़ा (ओडिशा) तक 310 किलोमीटर तथा अंबिकापुर-बरवाडीह (झारखंड) तक 182 किलोमीटर रेलमार्गो के निर्माण से संबंधित प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर से बलौदाबाजार होते हुए झारसुगुड़ा तक रेलमार्ग बनने पर छत्तीसगढ़ में मुंबई-हावड़ा लाइन पर एक वैकल्पिक रेलमार्ग की सुविधा यात्रियों को मिल सकती है।
मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री को राज्य में विकसित हो रही ईस्ट-वेस्ट एवं ईस्ट कॉरीडोर, दल्ली-रावघाट और रावघाट से जगदलपुर रेल परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी दी और कहा कि दल्ली और राजहरा के बीच प्रथम चरण में 17 किलोमीटर का कार्य पूरा हो गया है और अगले चरण का कार्य प्रगति पर है।
चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री से राजनांदगांव शहर में रेलवे स्टेशन बनवाने काआग्रह किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यात्रियों को काफी लंबी दूरी तय कर वर्तमान रेलवे स्टेशन की ओर जाना होता है। यदि वहां स्थित दो गोदाम हटा दिए जाएं तो शहर की ओर नया रेलवे स्टेशन बनाया जा सकता है।
रेलमंत्री ने इस पर रेल मंत्रालय के अधिकारियों को शीघ्र कार्यवाही कर यह समस्या दूर करने के निर्देश दिए।
रेल मंत्रालय इन रेलवे स्टेशनों को आधुनिकतम बनाने के लिए निजी निवेशकों को आमंत्रित कर रहा है।
इस मौके पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ए.के. मित्तल और छत्तीसगढ़ सरकार के वाणिज्य और उद्योग सचिव सुबोध कुमार सिंह, नई दिल्ली स्थित आवासीय आयुक्त वी.बी. उमादेवी, संचालक जनसंपर्क राजेश कुमार टोप्पो और विशेष अधिकारी विक्रम सिसोदिया भी उपस्थित थे।