लखनऊ , 7 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ के अध्यक्ष डॉ. उदित राज ने कहा है कि पदोन्नति में आरक्षण खत्म किए जाने पर उनका संगठन प्रदेश में आरक्षण विरोधी अखिलेश सरकार को चैन से नहीं बैठने देगा।
डॉ. उदित राज ने शनिवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि इसी मुद्दे पर परिसंघ यहां रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में विभिन्न विभागों और संगठनों के नेताओं को बुलाकर एक सेमिनार आयोजित करने जा रहा है। इसके बाद सात दिसंबर को नई दिल्ली में 10 लाख लोगों को जुटाकर एक बड़ी रैली आयोजित करने की भी योजना है।
उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक प्रदेश सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सही तथ्य नहीं रखे।
उदित राज ने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि वर्ष 2006 में सर्वोच्च न्यायालय में पांच न्यायधीशों की खंडपीठ ने पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने के पक्ष में फैसला दे दिया तो उस निर्णय को उसी कोर्ट की दो न्यायधीशों की खंडपीठ कैसे बदल सकती है।
उन्होंने कहा कि परिसंघ के संघर्ष का ही नतीजा है कि वर्ष 2001 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण लागू किया। इसके बाद लंबी लड़ाई के बाद वर्ष 2006 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी पक्ष में फैसला दिया।
उदित राज ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण को लेकर आंदोलनरत प्रदेश की आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति को उनका पूरा समर्थन है।
भाजपा सांसद ने कहा कि गुजरात में हार्दिक पटेल के पटेलों को आरक्षण दिए जाने के आंदोलन के वह बिल्कुल खिलाफ हैं, क्योंकि देश में ही नहीं, विदेशों में पटेल लोग काफी समृद्ध हैं।
पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा पर कानून बनाने के बाबत दबाव डालने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनका परिसंघ सामाजिक है। इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। परिसंघ इस मुद्दे पर सभी दलों के सांसदों का दरवाजा खटखटाएगा और उनसे समर्थन मांगेगा।