धर्मशाला, 7 नवंबर (आईएएनएस)। यहां चल रहे चौथे धर्मशाला अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव (डीआईएफएफ) में शुक्रवार को अमेरिकी फिल्मकार क्रिस्टल मोसेली के ‘द वुल्फपैक’ और बर्मा के फिल्मकार द मव नाइंग ‘द मोंक’ वृत्तचित्र को दर्शकों से जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली।
‘द वुल्फपैक’ का इस साल की शुरुआत में सनडांस फिल्मोत्सव में प्रीमियर हुआ था, जहां इसने ‘यूएस डोक्टयूमेंट्री ग्रैंड ज्यूरी प्राइज’ जीता था।
यह वृत्तचित्र न केवल दर्शकों को पसंद आया, बल्कि इसने उन्हें यह भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि एक ऐसे समाज में अपने आप को जिंदा रखना कितना दुष्कर है, जो आपको तुच्छ समझता हो।
इस वृत्तचित्र के बारे में दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका का होते हुए भी इसकी कहानी में एक भारतीय एंगल है। दरअसल, इसमें काम करने वाले सातों बच्चों के किरदारों के नाम-मुकुंद, नारायण, गोविंदा, भागवन, कृष्णा, जगदेश और विष्णु हैं।
वहीं ‘द मोंक’ एक बौद्ध भिक्षु जवाना के इर्दगिर्द घूमता है, जिसने अपना अधिकांश जीवन म्यांमार के देहाती क्षेत्र में एक मठ में बिताया है।