नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। सरकार की जेएएम (जन धन-आधार-मोबाइल) योजना के पीछे के दर्शनशास्त्र का विवरण देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि सवाल यह है कि सब्सिडी को या तो अनिश्चितकाल के लिए लोगों की अज्ञात संख्या तक जारी रखना चाहिए या उसे केवल जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय राजधानी में वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित दिल्ली आर्थिक सम्मेलन में जेटली ने कहा कि जेएएम पहल से सब्सिडी केवल लाभार्थियों तक पहुंचेगा।
वित्त मंत्री ने कहा, “आगामी पांच वर्षो के दौरान हमारा उद्देश्य उन विभिन्न क्षेत्रों जो पायलट परियोजना पर हैं, को खुद को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय बचत में वृद्धि हो सके।”
उन्होंने कहा कि देश 58 फीसदी बैंक संपर्क से 100 फीसदी के निकट बढ़ा है।
गुमनाम सुधारों के रूप में दी जाने वाली सब्सिडी को तर्कसंगत बताते हुए उन्होंने कहा कि 90 करोड़ मोबाइल फोन के साथ 92 करोड़ आधार नंबर हैं।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले सुबह में कहा कि जन-धन योजना के तहत खोले गए खातों में 26 हजार करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं।
मोदी ने कहा, “मेरे लिए जेएएम (जन-धन, आधार, मोबाइल) दृष्टिकोण अधिकतम उपलब्धि है।”
सम्मेलन में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ व केरल के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया तथा यूनिक आईडी अथॉरिटी के पूर्व अध्यक्ष नंदन निलकेणी तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।