बरेली। नाथ नगरी में माता वैष्णो देवी का मंदिर भी है। इसका निर्माण देवी मां के आदेश पर उनके एक भक्त ने कराया। चार वर्ष पहले बना यह मंदिर वर्तमान में देवी भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। मनोकामना पूर्ति को लोग यहां गांठ बांधकर मन्नत मांगते हैं।
पीलीभीत बाईपास पर बने इस मंदिर में माता वैष्णो देवी की तीनों पिंडलियों और देवी के नौ स्वरूप के दर्शन का सौभाग्य मिलता है। वैष्णो देवी की तरह यहां भी गुफा का द्वार शेरमुख है। इसके बाद हनुमान चट्टी की तरह यहां भी हनुमान जी का विग्रह है। इन सभी के दर्शन करते हुए पानी से भरी गुफा में होते हुए भक्त मां के दरबार में पहुंचते हैं। दरबार में मां की पिंडलियों के दर्शन के बाद भैरो बाबा के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि मां के इस दरबार में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है, वह पूरी होती है।
शनिवार को चढ़ती है काली की भेंट- मंदिर पुजारी विमल कुमार शास्त्री ने बताया कि मंदिर में हर शनिवार को मां काली को भेंट चढ़ाई जाती है। इस दिन काफी संख्या में भक्त मंदिर आकर मां काली को प्रसाद चढ़ाते हैं। बृहस्पतिवार को साई बाबा के दर्शनों के लिए भी काफी भक्त मंदिर आते हैं।
प्रतिदिन होते हैं देवी छंद और आरती- नवरात्र में प्रतिदिन मंदिर में सुबह पूजा अर्चना के बाद दिन में देवी छंद होते हैं। इसका समय दोपहर तीन से पांच बजे रहता है। शाम को महाआरती होती है। बरेली। नाथ नगरी में माता वैष्णो देवी का मंदिर भी है। इसका निर्माण देवी मां के आदेश पर उनके एक भक्त ने कराया। चार वर्ष पहले बना यह मंदिर वर्तमान में देवी भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है। मनोकामना पूर्ति को लोग यहां गांठ बांधकर मन्नत मांगते हैं।
पीलीभीत बाईपास पर बने इस मंदिर में माता वैष्णो देवी की तीनों पिंडलियों और देवी के नौ स्वरूप के दर्शन का सौभाग्य मिलता है। वैष्णो देवी की तरह यहां भी गुफा का द्वार शेरमुख है। इसके बाद हनुमान चट्टी की तरह यहां भी हनुमान जी का विग्रह है। इन सभी के दर्शन करते हुए पानी से भरी गुफा में होते हुए भक्त मां के दरबार में पहुंचते हैं। दरबार में मां की पिंडलियों के दर्शन के बाद भैरो बाबा के दर्शन करते हैं। मान्यता है कि मां के इस दरबार में जो भी सच्चे मन से मन्नत मांगता है, वह पूरी होती है।
शनिवार को चढ़ती है काली की भेंट- मंदिर पुजारी विमल कुमार शास्त्री ने बताया कि मंदिर में हर शनिवार को मां काली को भेंट चढ़ाई जाती है। इस दिन काफी संख्या में भक्त मंदिर आकर मां काली को प्रसाद चढ़ाते हैं। बृहस्पतिवार को साई बाबा के दर्शनों के लिए भी काफी भक्त मंदिर आते हैं।
प्रतिदिन होते हैं देवी छंद और आरती- नवरात्र में प्रतिदिन मंदिर में सुबह पूजा अर्चना के बाद दिन में देवी छंद होते हैं। इसका समय दोपहर तीन से पांच बजे रहता है। शाम को महाआरती होती है।