मनोरथों को पूर्ण करने वाली सिद्धिदात्री देवी माता की श्रद्धा नवरात्र में स्थान-स्थान पर प्रदर्शित हो रही है। देवी मंदिरों में उपासना का क्रम जारी है। जहां घंटे और घडि़यालों से वातावरण भक्तिमय हो रहा है।
इन्हीं मंदिरों में साकेत कॉलोनी का चामुंडा मंदिर भी प्रमुख है। सुबह और शाम श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। यहां फहरती देवी की ध्वजाएं राहगीरों में श्रद्धा का अहसास कराती हैं। मंदिर की खास बात है कि यह सड़क के बीचों बीच सेंट्रल चैनल पर है, जिससे राहगीर बिना मस्तक झुकाए वहां से गुजर नहीं पाते।
इतिहास
सन् 1960 से पहले यहां खेत ही खेत थे। खेत के एक कोने पर कच्ची ईटों की मढै़या थी। क्षेत्रीय नागरिकों के अनुसार इसमें चामुंडा देवी की मूर्ति थी। जहां आसपास के लोग पूजन करते थे। उसके बाद में यहां भोगीपुरा, न्यू शाहगंज कॉलोनी, साकेत कॉलोनी का विकास हुआ तो खेत दूर-दूर तक लुप्त हो गए। खेतों में बना यह मंदिर सड़क पर आ गया। क्षेत्रीय श्रद्धालुओं ने समय-समय पर इसका विकास किया। कच्ची मढैया अब यहां आकर्षक मंदिर का रूप ले चुकी है।
परंपरा
आसपास के श्रद्धालु देवी की जात अथवा किसी विशेष कार्य के लिए जाते हैं तो यहां पूजन अवश्य करते हैं। समय-समय पर यहां फूल बंगला, भंडारा होते रहते हैं। मंदिर की देखभाल घनश्याम पुजारी, शिवानी और फूलवती द्वारा की जाती है।