इलाहाबाद। मां भगवती की आराधना के पर्व नवरात्र पर हर ओर भक्तिमय माहौल रहा। व्रत रखे लोगों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सिद्धपीठों में मां के समक्ष शीश नवाकर आशीष लिया। कुछ अखंड ज्योति जलाकर मां की आराधना में लीन हैं।
मंदिरों में पुष्प और आभूषणों से मां का श्रृंगार किया गया जिसका दर्शन कर भक्तों ने मां से आत्मबल व मानसिक कुरीतियों का क्षय करने का आशीष मांगा। देवी मंदिरों और सिद्धपीठों में सिर पर लाल चुनरी बांधे और मन में शांति का भाव लिए भारी संख्या में भक्त पहुंचे। लोगों ने मां के दिव्य स्वरूप का दर्शन कर उनसे स्वयं के कल्याण की कामना की। मां को रिझाने के लिए महिलाएं और पुरुष भजन-कीर्तन में लीन रहे।
सिद्धपीठ मां अलोपशंकरी के द्वार पर विशाल मेला लगा। दूर-दूर से आए भक्तों ने मां के पालने में पुष्प, नारियल, फल व चुनरी अर्पित करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। हर कोई मां के पालने में मत्था टेकने को व्याकुल नजर आया। मंदिर परिसर में हवन व भजन-कीर्तन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
भजनों में बखानी मां की महिमा –
पंचमी तिथि पर आभूषणों व पुष्पों से मां क्षेमा माई का मोहक श्रृंगार किया गया। मां का दर्शन-पूजन करने आए भक्तों ने मां के दिव्य स्वरूप का दर्शन कर स्वयं को धन्य किया। लोगों ने मां का दर्शन कर उनकी परिक्रमा की और भजनों में उनकी महिमा बखानी।
जनकल्याण को शतचंडी यज्ञ-
महाशक्तिपीठ मां ललिता देवी मंदिर में भक्तों का भारी हुजूम उमड़ा। मां का दर्शन-पूजन कर भक्तों ने सद्गुण, साहस और निर्भिकता का आशीर्वाद मांगा। कृतिम पुष्पों व आभूषणों से मां का मोहक श्रृंगार किया गया। व्रती महिलाओं व पुरुषों ने गीतों के माध्यम से मां की महिमा का बखान किया। मंदिर समिति के अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा के नेतृत्व में लोगों ने श्रीशतचंडी महायज्ञ में हुआ। वहीं मंदिर में निशान चढ़ाने, नामकरण, कर्ण छेदन और मुंडन कराने वालों की भारी भीड़ रही।
आभूषणों से हुआ श्रृंगार-
सिद्धपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। लोगों ने मां के दिव्य स्वरूप का दर्शन-पूजन कर स्वयं के कल्याण की कामना की। मां का भव्य श्रृंगार किया गया। मां का दरबार भक्तों के जयकारों से गुंजायमान रहा। सुबह और शाम को सुशील कुमार पाठक के नेतृत्व में मां की आरती उतारी गई। इसमें श्याम जी पाठक, पप्पन जी टंडन, दिलीप, विनम्र सहित सैकड़ों भक्त मौजूद रहे। मंदिर में मुंडन, कर्ण व नक छेदन संस्कार भी हुआ।
मसूरियनदेवी के द्वार लगी भीड़-
प्राचीन मंदिर मां मसूरियन देवी के द्वार पर भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही। व्रती महिलाओं ने मां के द्वार पर मत्था टेककर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद शुरू हुआ भजन-कीर्तन का सिलसिला। महिलाओं ने ढोलक की थाप और मजीरे की खनक के बीच मां की महिमा का बखान किया। बच्चियों ने मां को रिझाने के लिए देवी गीत पर नृत्य किया। शाम को सामूहिक आरती उतारने के बाद प्रसाद वितरण हुआ।