सभा के दौरान आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने ऐलान किया कि मंगलवार से पूरे उत्तर प्रदेश में सपा के 57 दलित विधायकों व भाजपा के 17 सांसदों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजेगा। समिति के नेताओं ने उप्र सरकार से जिन कार्मिकों को गलत तरीके से रिवर्ट किया गया है, उन्हें अविलंब बहाल करने की मांग फिर से उठाई है।
समिति के नेताओं ने कहा कि पंचायत चुनाव में जिस तरह आरक्षण विरोधी पार्टियों के समर्थित प्रत्याशियों को आरक्षण समर्थकों ने सबक सिखाया है, उसका फाइनल परिणाम मिशन 2017 में सभी के सामने होगा।
समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा समेत सभी पदाधिकारियों ने चिंतन-मनन सांकेतिक सभा में कहा कि आरक्षित सीट से जीत कर आने वाले विधायकों व सांसद आज वह मौन धारण कर आरक्षण पर कुठाराघात करने वाली प्रदेश सरकार व केंद्र की मोदी सरकार का साथ दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे में प्रदेश के सभी 8 लाख आरक्षण कार्मिकों व समाज को इस बात के लिए चिंतन-मनन करना होगा कि मिशन 2017 के तहत इन्हें सबक सिखाना है, जिससे इन्हें यह पता चल सके कि जब बाबा साहब द्वारा दी गई संवैधानिक विरासत पर कुठाराघात हो रहा था और आप मौन धारण किए थे, अब आपको उसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
इस दौरान समिति ने 5 नवंबर की विशाल मोटरसाइकिल रैली को सफल बनाने के लिए समर्थकों ने सभी विभागों में पर्चे व पम्फलेट बांटे और ज्यादा से ज्यादा आरक्षण समर्थकों से भाग लेने के लिए की अपील की।