लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के विद्यार्थी रहे साही ने दिसंबर 1977 में गार्ड ब्रिगेड की 6वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त की। साही को 18 गार्डस की स्थापना के बाद वर्ष 1998 से 2001 तक इसकी कमान संभालने का गौरव प्राप्त हुआ। सेना में अपनी 38 वर्षो की सेवा के दौरान ले जनरल साही ने सेना के विभिन्न कमान एवं नियुक्तियों जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
इसके अलावा नियंत्रण रेखा पर काउंटर इन्सर्जेन्सी एवं जम्मू-कश्मीर में उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में विभिन्न ऑपरेशनों में उन्होंने भूमिका निभाई है। साही ने राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों, पंजाब के मैदानों सहित कछ का रण एवं उत्तरी सिक्किम में भी विभिन्न ऑपरेशनों में भाग लिया है। वह वर्ष 1987 में श्रीलंका में इण्डियन पीस कीपिंग फोर्स के हिस्सा रहे।
स्वतंत्र मेकेनाइज्ड ब्रिगेड सहित पश्चिमी क्षेत्र में स्टइक कोर के आर्मर्ड डिविजन की कमान संभाल चुके साही ऑपरेशनल एवं सामरिक क्षेत्र में विशद अनुभवी हैं। इन्होंने आर्मर्ड डिविजन के स्टैन्डर्ड प्रजेन्टेशन परेड की भी कमान संभाला है, जहां पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पांच आर्मर्ड रेजिमेंटों को असाधारण उपलब्धि ‘गिडॉन’ भेंट किया था। साही ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’ से अलंकृत हैं।