नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि सबको आत्मसात करने और सहिष्णुता की अपनी शक्ति के कारण भारत समृद्ध हुआ है।
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि सबको आत्मसात करने और सहिष्णुता की अपनी शक्ति के कारण भारत समृद्ध हुआ है।
मुखर्जी ने यहां विज्ञान भवन में दिल्ली उच्च न्यायालय के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “हमारा देश आत्मसात करने और सहिष्णुता की अपनी शक्ति के कारण समृद्ध हुआ है। हमारा बहुलवादी चरित्र समय पर खरा उतरा है।”
उन्होंने कहा, “भारत तीन जातीय समूहों -भारोपीय, द्रविड़ और मंगोल- से संबंधित 1.3 अरब लोगों का देश है, जहां 122 भाषाएं और 1,600 बोलियां बोली जाती हैं और यहां सात धर्मो के अनुयायी हैं।”
दिल्ली उच्च न्यायालय के स्वर्ण जयंती समारोह का विषय सबके लिए न्याय है। इस विषय के बारे में उन्होंने कहा, “इसका अर्थ कमजोर को सशक्त बनाना और किसी की व्यक्तिगत पहचान के इतर कानून का समान प्रवर्तन करना।”
राष्ट्रपति ने कहा, “विविधिता हमारी सामूहिक शक्ति है, जिसका किसी भी कीमत पर संरक्षण किया जाना चाहिए। हमारे संविधान के विभिन्न प्रावधानों में यह स्पष्ट है।”