संगठन के प्रमुख विनय पटेल ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रदेश में राज्य सरकार पिछड़े वर्ग के आरक्षण का लाभ जहां एक जाति विशेष के लोगों को दे रही है, वहीं मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आरएसएस के दबाव में आरक्षण को ही खत्म करने की दिशा में काम कर रही है।
लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की 140वीं जयंती के अवसर पर फतेहपुर जिला मुख्यालय के आबूनगर स्थित केंद्रीय कार्यालय में कुर्मी-पटेल समाज के लोगों को संबोधित करते हुए संगठन प्रमुख विनय पटेल ने कहा कि लौह पुरुष ने स्वतंत्रता संग्राम से कहीं ज्यादा आजाद भारत में करीब 565 देशी रियासतों को संघीय ढांचे में मिलाकर ‘अखंड भारत’ की नींव रखी थी, आज उन्हीं के वंशजों की आर्थिक व सामाजिक स्थिति बदतर हो गई है।
उन्होंने आरोप लगाया, “भारतीय संविधान में पिछड़े वर्ग को 27 फीसद आरक्षण की व्यवस्था है, मगर राज्य सरकार इसका ज्यादातर लाभ एक जाति विशेष के लोगों को दे रही है। साथ ही केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दबाव में आरक्षण को ही पूर्ण रूप से खत्म करने की दिशा में काम कर रही है।”
विनय पटेल ने कहा कि मोदी बिहार में चुनाव के मद्देनजर भले ही कह रहे हों कि आरक्षण कोई खत्म नहीं कर सकता, लेकिन बाद में वह वही करेंगे, जो संघ कहेगा। वैसे भी यूटर्न ले लेना मोदी की पुरानी आदत है।
उन्होंने कहा, “आरक्षण के मुद्दे को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ ‘पब्लिक एक्शन कमेटी’ (पीएसी) दिसंबर के अंतिम सप्ताह में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़ा आंदोलन करेगी, जिसकी तैयारी के लिए लोग आज से ही जुट जाएं।”
संगठन के मीडिया प्रभारी और पूर्व पत्रकार अश्विनी पटेल (बांदा) ने कहा कि प्रदेश में न तो अनुसूचित वर्ग की सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिल रहा और न ही इससे पिछड़े वर्ग की सभी कौम लाभान्वित हो पा रही हैं। सपा और बसपा दोनों जाति विशेष के आरक्षण की हिमायती हैं।
पीएसी की महासचिव कुमारी अंशिका पटेल ने कहा कि पिछले दो साल से संगठन ‘पटेल एक्शन कमेटी’ के नाम से काम करता आया है, लौह पुरुष की जयंती के अवसर पर इसे विस्तार देते हुए केंद्रीय कार्यसमिति ने इसके नाम में परिवर्तन किया है, अब संगठन की सभी गतिविधियां ‘पब्लिक एक्शन कमेटी’ के नाम से होगी।”
नाम बदले जाने की वजह बताते हुए महासचिव ने कहा कि उनका संगठन अब हर समाज के दबे-कुचलों की भलाई के लिए काम करेगा।