तिरुवनंतपुरम, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। केरल में विशेष सतर्कता अदालत ने सतर्कता विभाग द्वारा बार घोटाला मामले में प्रदेश के वित्त मंत्री के.एम. मणि को दी गई क्लीन चिट को गुरुवार को खारिज करते हुए आगे जांच करने को कहा।
अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मणि ने आगे जांच का स्वागत किया।
मणि ने कहा, “मैं हमेशा से चाहता था कि सच्चाई सामने आए और मैं इस बात से खुश हूं कि अब अदालत ने मामले की जांच करने को कहा है। अंतिम फैसला आने दीजिए। मैं हमेशा से यही चाहता था, क्योंकि अगर अदालत आगे जांच के लिए नहीं कहती, तो कई तरह की बातें उठतीं।”
अदालत ने यह आदेश आगे जांच करने के लिए दायर सात याचिकाओं को देखने के बाद दिया।
मामले की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर में हुई थी, जब बार मालिक बीजू रमेश ने दावा किया था कि मणि को उन 418 बारों को दोबारा खोलने के लिए एक करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई, जिन्हें प्रदेश की नई आबकारी नीति के तहत बंद कर दिया गया था।
सतर्कता निदेशक के एक पत्र के आलोक में केरल सरकार ने मणि के खिलाफ एक जांच का आदेश दिया। जांच-पड़ताल के बाद प्रथम आरोपी के रूप में मणि के खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया गया था।
दो तथा पांच नवंबर को होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव तथा सतर्कता अदालत के निर्देश के मद्देनजर, पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस.अच्युतानंदन व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव कोदियेरी बालाकृष्णन सहित वाम मोर्चा के शीर्ष विपक्षी नेताओं ने मणि से इस्तीफा मांगा है। बालाकृष्णन ने मुख्यमंत्री ओमन चांडी का भी इस्तीफा मांगा है।
मणि ने कहा, “मैं इस्तीफा नहीं देने वाला हूं, क्योंकि अतीत में कई मंत्री यहां तक कि मुख्यमंत्री भी इस हालात में पद पर बने रहे हैं। इसलिए मैं अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करूंगा।”