व्यापार में अच्छे लाभ के लिए एक व्यापारी का दूसरे व्यापारी के साथ पार्टनरशिप करने की बात आपने जरूरी सुनी होगी। लेकिन भारत के कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां व्यापार में लाभ के लिए लोग भगवान को ही अपना पार्टनर बना लेते हैं।
सुनकर आप हैरान भले ही हो लेकिन यह सच है, व्यापारी भगवान को कुछ प्रतिशत की पार्टनरशिप देते हैं। व्यापार में लाभ होने पर भगवान का हिस्सा उन्हें दे दिया जाता है।
ऐसा ही एक प्रसिद्घ मंदिर राजस्थान के चित्तौरगढ़ जिले में उदयपुर हवाई अड्डा से 65 किलोमीटर दूर मंडफिया नामक स्थान में स्थित है। जिन लोगों को व्यापार में बार-बार नुकसान हो रहा होता है वह इस मंदिर में आकर भगवान सांवरिया सेठ को अपना बिजनेस पार्टनर बना लेते हैं।
नया कारोबार शुरू करने वाले व्यापारी भी किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए भगवान को पार्टनर बनाने यहां आते हैं। मंदिर में विराजमान सांवरिया सेठ भगवान श्री कृष्ण हैं।
भगवान श्री कृष्ण के इस विग्रह के विषय में मान्यता है कि यह वही विग्रह है जिसकी भक्ति संत नरसी मेहता करते थे। नरसी मेहता ने ही ‘वैष्णव जन ते तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे’ नामक भक्ति गीत की रचना की थी जो महात्मा गांधी का प्रिय भजन है।
संवारिया सेठ के अलावा व्यापारी राजस्थान में स्थित मेंहदीपुर बालाजी और सालासर बालाजी को भी अपना बिजनेस पार्टनर बनाते हैं। उत्तर प्रदेश के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी, उड़ीसा स्थित जगन्नाथ जी को भी व्यापारी कारोबार में लाभ के लिए अपना पार्टनर बनाते हैं।