बैंकाक, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कई बौद्ध संगठनों को इस बात की उम्मीद है कि थाईलैंड का नया संविधान लिखने वाले बौद्ध धर्म को देश का आधिकारिक राष्ट्र धर्म घोषित करेंगे।
बैंकाक, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कई बौद्ध संगठनों को इस बात की उम्मीद है कि थाईलैंड का नया संविधान लिखने वाले बौद्ध धर्म को देश का आधिकारिक राष्ट्र धर्म घोषित करेंगे।
द बैंकाक पोस्ट की रपट के मुताबिक बौद्ध धर्म को देश का आधिकारिक धर्म बनाने का समर्थन करने वालों का कहना है कि वे अपनी बात को संविधान निर्माताओं के आगे शांतिपूर्ण तरीके से रखेंगे। इससे पहले 2007 में तख्तापलट के बाद बनी प्रधानमंत्री सुरायुद चुलानोंट की सरकार के समय ऐसी ही कोशिश विफल हो गई थी।
2007 में संविधान का प्रारूप तैयार करने वाली सभा ने बौद्ध धर्म को थाईलैंड का राष्ट्र धर्म बनाने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ थाई संसद के बाहर बौद्ध भिक्षुओं के हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
बौद्ध धर्म को देश का आधिकारिक धर्म बनाने की मांग करने वाली एक समिति के सचिव कोर्न मीडी ने कहा, “किसी भी सरकार ने कभी भी बौद्ध धर्म में रुचि नहीं ली। इसी वजह से धर्म की स्थिति में गिरावट आई है।”
समर्थकों का कहना है कि सरकार ऐसे कानून बनाए जो बौद्ध धर्म का संरक्षण करते हों, जो धर्म को अपनी किसी हरकत से शर्मिदा करते वाले भिक्षुओं को जेल भेजने जैसा कड़ा कदम उठाएं और जो ऐसे प्रतीकों को हटाए जिनसे धर्म की सही छवि सामने न आती हो।
कोर्न ने कहा, “हम अशुद्ध किस्म के बौद्धधर्म का खात्मा चाहते हैं। जैसे कि धर्म का व्यावसायिक इस्तेमाल या बौद्ध मंदिरों में हिंदू मूर्तियां।”
थाईलैंड की 95 फीसदी आबादी बौद्ध धर्म की अनुयायी है।