नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। अफ्रीका के बारे में या उसके विस्तृत लोगों और संस्कृति के बारे में भारत में बेहद कम जागरूकता है, हालांकि अफ्रीका में बहुत लोग भारत के बारे में जानते हैं। यह कहना है इथियोपिया की राजदूत गेनेट जेवाइड का।
जेवाइड उम्मीद करती हैं कि अगले सप्ताह होने वाला तीसरा ‘इंडिया-अफ्रीका फोरम समिट’ (अईएएफएस) दोनों पक्षों के व्यक्ति से व्यक्ति के बीच के संबंध को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
लगभग 45 सदृढ़ अफ्रीकी कूटनीतिक समूहों की अध्यक्ष जेवाइड यह उम्मीद भी करती हैं कि 26-29 अक्टूबर को होने वाला समिट भारत में अफ्रीकी छात्रों की नकारात्मक मीडिया कवरेज पर भी ध्यान केंद्रित करने और उसके लिए रास्ता निकालने की कोशिश करेगा।
राजदूत ने आईएएनएस को कहा, “मैं जहां भी जाती और कहती हूं कि मैं इथियोपिया से हूं, वे यह पूछते हैं कि यह कहां हैं? अफ्रीका केवल दक्षिण अफ्रीका या नाइजीरिया ही नहीं है। अफ्रीका बेहद विस्तृत है।”
राजदूत ने कहा, “मैं मानती हूं कि भारत और अफ्रीका के बीच सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए। भारत में अफ्रीका के लिए सकारात्मक दृष्किोण की जरूरत है। अफ्रीका में 54 देश हैं। आर्थिक तौर पर, भाषाई रूप से और सांस्कृतिक तौर पर भी हम बेहद विस्तृत हैं। इसलिए हमें लोगों के बीच परस्पर संबंध बढ़ाने की जरूरत है।”
जेवाइड ने कहा, “जब आर्थिक और सरकार से सरकार रिश्ते मजबूत होंगे तभी व्यक्ति से व्यक्ति के रिश्ते में प्रगाढ़ता आएगी।”
जेवाइड मानती हैं कि भारतीय मीडिया अफ्रीका की तभी बात करती है जब वहां कोई आपदा आती है या अफ्रीकी छात्रों के बारे में कुछ नकारात्मक घटित होता है। यहां तक कि अफ्रीकी गणमान्य व्यक्तियों को भी पर्याप्त मीडिया कवरेज नहीं मिलती।
नई दिल्ली में 26-29 अक्टूबर के बीच आयोजित होने वाले तीसरे आईएएफएस में सभी 54 देशों के शामिल होने की उम्मीद है, जिनका प्रतिनिधित्व किया जा रहा है। 1983 के एनएएम और सीएचओजीएम सम्मेलनों के बाद भारत की मेजबानी में यह समारोह सबसे बड़ा कूटनीतिक आयोजन होगा।